आफस्पा को वापस लिया जाना चाहिए: मेघालय के मुख्यमंत्री

By भाषा | Published: December 6, 2021 02:18 PM2021-12-06T14:18:44+5:302021-12-06T14:18:44+5:30

AFSPA should be withdrawn: Meghalaya CM | आफस्पा को वापस लिया जाना चाहिए: मेघालय के मुख्यमंत्री

आफस्पा को वापस लिया जाना चाहिए: मेघालय के मुख्यमंत्री

शिलांग, छह दिसंबर नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में असैन्य नागरिकों के मारे जाने की घटना के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने सोमवार को कहा कि ‘सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958’ निरस्त किया जाना चाहिए।

नागरिक समूह, मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्वोत्तर क्षेत्र के नेता वर्षों से इस ‘कठोर’ कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और इस कानून की आड़ में सुरक्षा बलों पर ज्यादती करने का आरोप लगाते हैं। आफस्पा अशांत क्षेत्र बताए गए इलाकों में सशस्त्र बलों को विशेष शक्तियां प्रदान करता है।

संगमा ने ट्वीट में कहा, ‘‘ आफस्पा वापस लिया जाना चाहिए।’’

संगमा की एनपीपी राज्य में भाजपा की सहयोगी है। राज्य की कांग्रेस इकाई ने भी मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए उनसे इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए एक बैठक बुलाने की अपील की। संगमा के ट्वीट के जवाब में कांग्रेस विधायक आम्परिन लिंगदोह ने ट्वीट किया, ‘‘ हमें अपने लोगों पर अत्याचार रोकने के लिए तत्काल इस कानून को वापस लिए जाने की मांग करना चाहिए। कृपया जल्द से जल्द बैठक बुलाएं।’’

आफस्पा असम, नगालैंड, मणिपुर (इम्फाल नगर परिषद इलाके को छोड़कर), अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग, लोंगडिंग, तिरप जिलों और असम की सीमा पर आठ पुलिस स्टेशन से लगने वाले इलाकों में लागू है।

हाइनीवट्रेप यूथ काउंसिल (एचवाईसी) ने भी शांत पूर्वोत्तर के निर्माण के लिए आफस्पा वापस लिए जाने की मांग की। एचवाईसी के महासचिव रॉयकूपर सिनरेम ने कहा, ‘‘ हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि अगर वह वास्तव में क्षेत्र में शांति चाहते हैं तो सश्त्र बलों पर लगाम लगाएं क्योंकि इस तरह की घटनाओं से अस्थिरता ही आएगी जो कि इस क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।’’

खासी स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को मूल निवासियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाना चाहिए। यूनियन ने एक बयान में भारत सरकार से तत्काल अफस्पा वापस लेने की मांग की।

केएसयू अध्यक्ष लम्बोक मारंगर ने सरकार से नगालैंड के मोन जिले में असैन्य नागरिकों की मौत के मामले में शामिल ‘दोषी और खून के प्यासे’ कर्मियों के खिलाफ सख्त और कठोर कार्रवाई की मांग की। पुलिस के अनुसार नगालैंड के मोन जिले में आंतकवाद रोधी अभियान और हिंसा की घटनाओं में 14 आम नागरिक मारे गए।

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Web Title: AFSPA should be withdrawn: Meghalaya CM

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