अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता: जयशंकर

By भाषा | Published: July 14, 2021 05:27 PM2021-07-14T17:27:28+5:302021-07-14T17:27:28+5:30

Afghanistan's future cannot be its past: Jaishankar | अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता: जयशंकर

अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता: जयशंकर

नयी दिल्ली, 14 जुलाई विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता और दुनिया हिंसा और बल द्वारा सत्ता हथियाने के खिलाफ है।

तालिबान लड़ाकों द्वारा संघर्षग्रस्त देश के बड़े हिस्से पर नियंत्रण हासिल करने की पृष्ठभूमि में जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में कहा कि दुनिया हिंसा और बल द्वारा सत्ता हथियाने के खिलाफ है और ऐसे कृत्यों को वैध नहीं ठहराया जायेगा।

विदेश मंत्री ने दुशांबे में अफगानिस्तान पर एससीओ विदेश मंत्रियों के संपर्क समूह की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसियों को ‘‘आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से खतरा नहीं है।’’

शंघाई सहयोग संगठन के संपर्क समूह की बैठक अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा पर वैश्विक चिंताओं के बीच हुई क्योंकि अमेरिका 31 अगस्त तक देश से अपने सैनिकों की वापसी के अभियान को पूरा करना चाहता है।

बैठक में भाग लेने वालों में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अफगान विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार शामिल थे।

अफगानिस्तान पर भारत के विचार रखते हुए जयशंकर ने कहा कि दुनिया, क्षेत्र और अफगान लोग सभी एक ‘‘स्वतंत्र, तटस्थ, एकीकृत, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्ध राष्ट्र’’ चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ईमानदारी से शांति वार्ता ही एकमात्र उत्तर है। एक स्वीकार्य समझौता जो दोहा प्रक्रिया, मास्को प्रारूप और इस्तांबुल प्रक्रिया को दर्शाता है और यह आवश्यक है। अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘एक पूरी नई पीढ़ी की अलग-अलग उम्मीदें होती हैं। हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चुनौती इन विश्वासों पर गंभीरता और ईमानदारी से कार्य करने की है, क्योंकि बहुत अलग एजेंडे के साथ काम करने वाली ताकतें हैं। दुनिया हिंसा और बल द्वारा सत्ता हथियाने के खिलाफ है और ऐसे कृत्यों को वैध नहीं ठहराया जायेगा।’’

उन्होंने नागरिकों और देश के प्रतिनिधियों के खिलाफ हिंसा और आतंकवादी हमलों को रोकने का भी आह्वान किया और राजनीतिक वार्ता के माध्यम से और सभी जातीय समूहों के हितों का सम्मान करके संघर्ष को खत्म करने के लिए कहा।

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