नई दिल्ली: तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान के आने के बाद भारतीय वायु सेना द्वारा वहां से बचाकर निकाले गए 24 सिखों में दो अफगान सांसद भी शामिल थे। भारत पहुंचने के बाद इनमें से एक सांसद नरेंद्र सिंह खालसा बेहद भावुक नजर आए और कैमरे के सामने उनके आंसू छलक उठे।
भारत पहुंचने के बाद उनसे अफगानिस्तान की परिस्थिति पर पूछे गए सवाल पर नरेंद्र सिंह खालसा ने कहा, 'मुझे रोना आ रहा है...पिछले 20 साल में जो भी बना था, सब खत्म हो गया। अब सबकुछ जीरो हो गया है।' नरेंद्र खालसा ने ये बात दिल्ली के करीब हिंडन एयर बेस पर पत्रकारों से बात करने के दौरान कही। भारतीय वायुसेना का विमान रविवार सुबह यहीं पहुंचा था।
भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान 168 लोगों के साथ हिंडन एयरबेस पहुंचा। इसमें 107 भारतीय शामिल थे। भारत को काबुल से भारतीयों को निकालने के लिए दिन में दो फ्लाइट लाने की अनुमति मिली है। सी-17 विमान के अलावा अफगानिस्तान से तीन और फ्लाइट आई जिसमें भारतीयों को लाया गया।
ये तीन फ्लाइट एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा की थी। तीनों फ्लाइट आज ही तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे से दिल्ली पहुंचे।
अफगानिस्तान से 400 लोगों को वापस लाया गया भारत
भारत काबुल सेअपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों के तहत तीन उड़ानों के जरिए अपने 329 नागरिकों और दो अफगान सांसद समेत करीब 400 लोगों को रविवार को देश वापस लाने में कामयाब रहा।
भारतीय वायुसेना के सी-19 सैन्य परिवहन विमान के जरिए 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों एवं हिंदुओं समेत कुल 168 लोगों को काबुल से दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे पर लाया गया। साथ ही 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एअर इंडिया के एक विशेष विमान से वापस लाया गया।
इससे एक दिन पहले उन्हें भारतीय वायु सेना के एक विमान के जरिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे ले जाया गया था। इस बीच, अमेरिका और नाटो के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाए गए 135 लोगों के एक समूह को एक विशेष विमान से दोहा से दिल्ली लाया गया।
भारत ने अमेरिका, कतर, ताजिकिस्तान और कई अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय स्थापित करके अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने का अभियान चलाया है।