पीएम के आदेश पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अडानी को बचाने आगे आई हैं, बोले अधीर रंजन चौधरी
By मनाली रस्तोगी | Updated: April 7, 2023 13:54 IST2023-04-07T13:53:16+5:302023-04-07T13:54:58+5:30
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम के आदेश पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अडानी को बचाने और उन्हें क्लीन चिट देने के लिए आगे आई हैं।

(फोटो क्रेडिट- ANI)
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम के आदेश पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अडानी को बचाने और उन्हें क्लीन चिट देने के लिए आगे आई हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि इससे साबित होता है कि कुछ तो छिपा हुआ है जो सरकार सामने नहीं आना चाहती...राहुल गांधी इस सत्ताधारी सरकार के भ्रष्टाचार, दुराचार और कुशासन के खिलाफ बोलने के लिए कृतसंकल्प हैं। सीतारमण ने अडानी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे आरोप लगाने की आदत हो गई है।
On the PM's order, India's Finance Minister Nirmala Sitharaman has come forward to save Adani and give him a clean chit. This proves that there is something hidden that the govt doesn't want to come to light...Rahul Gandhi is resolute to say against corruption, misdeeds, and… pic.twitter.com/zgK8wt7K0X
— ANI (@ANI) April 7, 2023
सीतारमण ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, "अगर राहुल गांधी वास्तव में सोचते हैं कि अडानी को ये सब चीजें (अनुचित लाभ) दी गई हैं, तो यह सच नहीं है। मैं यह भी कहना चाहती हूं कि उन्हें प्रधानमंत्री के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने की आदत हो गई है। हम 2019 के चुनावों से पहले इसे देख चुके हैं, अब वह फिर से ऐसा कर रहे हैं। वह इन सब झूठे आरोपों से कोई सबक नहीं सीखते हैं।"
सीतारमण ने यह भी सवाल किया कि गांधी ने केरल सरकार द्वारा अडानी को दिए गए "अनुचित लाभ" और राजस्थान में कंपनी की एक सौर ऊर्जा परियोजना के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाई। वित्त मंत्री ने कहा, "यह (तत्कालीन) कांग्रेस सरकार (केरल में) थी, जिसने अडानी को विझिंजम बंदरगाह दिया था। यह किसी निविदा के आधार पर नहीं दिया गया था। अब वह (कांग्रेस) सरकार नहीं है, बल्कि माकपा नीत सरकार है। लेकिन उन्हें यह पूछने और मांग करने से किसने रोका कि केरल उस आदेश को रद्द कर दे?"