भारत में फेसबुक, गूगल ने विज्ञापन से होने वाली 80 फीसदी कमाई पर किया कब्जा, पारंपरिक मीडिया के लिए खतरे की घंटी
By विशाल कुमार | Published: December 4, 2021 08:16 AM2021-12-04T08:16:05+5:302021-12-04T11:43:31+5:30
पिछले वित्त वर्ष में फेसबुक और गूगल ने कुल मिलाकर विज्ञापन से 23,213 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जबकि इस दौरान देश की शीर्ष 10 पारंपरिक मीडिया कंपनियों का विज्ञापन से राजस्व 8,396 करोड़ रुपये था. इस तरह से फेसबुक और गूगल कुल मिलाकर घरेलू डिजिटल विज्ञापन राजस्व का 80 फीसदी हिस्सा ले रहे हैं.
नई दिल्ली: पिछले वित्त वर्ष में देश की शीर्ष 10 पारंपरिक मीडिया कंपनियों ने विज्ञापन से जितनी कमाई की है उससे तीन गुना अधिक कमाई दिग्गज तकनीकी कंपनियों फेसबुक और गूगल ने की है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में फेसबुक और गूगल ने कुल मिलाकर विज्ञापन से 23,213 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जबकि इस दौरान देश की शीर्ष 10 पारंपरिक मीडिया कंपनियों का विज्ञापन से राजस्व 8,396 करोड़ रुपये था. इस तरह से फेसबुक और गूगल कुल मिलाकर घरेलू डिजिटल विज्ञापन राजस्व का 80 फीसदी हिस्सा ले रहे हैं।
उदाहरण के लिए देश के सबसे बड़े पारंपरिक मीडिया जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने कुल 7729 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया जिसमें से 3710 करोड़ रुपये (48 फीसदी) विज्ञापन से था।
इसकी तुलना में अकेले फेसबुक इंडिया ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 9,326 करोड़ रुपये का कुल विज्ञापन राजस्व की हासिल किया, जबकि गूगल के लिए यह 13,887 करोड़ रुपये था।
हालांकि, फेसबुक इंडिया और गूगल इंडिया दोनों ही पारंपरिक मीडिया कंपनियों की तुलना में शुद्ध राजस्व और शुद्ध लाभ जैसे पहलुओं पर पिछड़ जाते हैं। उदाहरण के लिए, जहां फेसबुक इंडिया ने 1,481 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व दर्ज किया और गूगल इंडिया ने 6,386 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व दर्ज किया तो वहीं जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने 7,729 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व दर्ज किया।
हालांकि, इसका कारण यह है कि जहां फेसबुक इंडिया अपनी वैश्विक सहायक कंपनी को अपने सकल विज्ञापन राजस्व का 90 प्रतिशत तक भुगतान करता है, वहीं गूगल इंडिया 87 प्रतिशत तक का भुगतान करता है।
डेंटसू की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विज्ञापन उद्योग 2022 के अंत तक बढ़कर 70,343 करोड़ रुपये हो गया, जो 2021 के अंत में 62,577 करोड़ रुपये था, जबकि डिजिटल विज्ञापन उद्योग 2021 के अंत तक 18,938 करोड़ रुपये की तुलना में 2022 तक बढ़कर 23, 673 करोड़ रुपये हो जाएगा।