चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक कर फर्जी वोटर आईडी बनाने वाला आरोपी गिरफ्तार, अब तक बना चुका था 10 हजार से ज्यादा नकली मतदान पत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 13, 2021 18:21 IST2021-08-13T18:20:20+5:302021-08-13T18:21:17+5:30
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट हैक कर फर्जी वोटर आईडी बनाने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर पुलिस गिरफ्तार किया है.

चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक कर फर्जी वोटर आईडी बनाने वाला आरोपी गिरफ्तार, अब तक बना चुका था 10 हजार से ज्यादा नकली मतदान पत्र
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट हैक कर फर्जी वोटर आईडी बनाने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर पुलिस गिरफ्तार किया है. वहीं इस मामले में सहारनपुर एसएसपी एस चेनप्पा ने बताया कि आरोपी का नाम विपुल सैनी है और वह जिले के नकुड़ इलाके में उसकी अपनी कंप्यूटर ऑपरेटर की दुकान है. आरोपी विपुल सैनी अपनी दुकान के कंप्यूटर से ही इस हैकिंग को अंजाम दिया था. वहीं इस मामले में निर्वाचन आयोग का एक कर्मचारी भी गिरफ्तार हुआ है. ये कर्मचारी चुनाव आयोग में डाटा एंट्री का काम करता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट में कुछ तकनीति दिक्कत होने का अंदेशा हुआ लेकिन जब इसकी जांच की गई तो उसे वेबसाइट हैक होने का पता चला. ये खबर सामने आते ही हड़कंप की स्थिति मच गई. इस के बाद जांच एजेंसियों को इस हैकिंग की जानकारी दी गई.
Data entry operator of one of the offices of Assistant Electoral Roll Officer had illegally shared his user id, password with an unauthorized service provider in Saharanpur’s Nakud to print some Voter IDs. Both persons were arrested. ECI database is absolutely safe & secure: ECI pic.twitter.com/iAGpBnEKkt
— ANI (@ANI) August 13, 2021
पुलिस और एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन में वेबसाइट हैक करने वाला आरोपी विपुल सैनी शक के दायरे में आया. इसके बाद सहारनपुर पुलिस को विपुल सैनी और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए. जब पुलिस को पुख्ता सबूत मिले तो विपुल सैनी के घर और दुकान पर छापेमारी की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
वहीं इस मामले में निर्वाचन आयोग की ओर से एक आधिकारिक बयान आया है. चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा है कि, असिस्टेंट इलेक्टोरल रोल ऑफिसर्स (AERO) नागरिक सेवाओं को मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्प हैं. 'कोई भी वोटर ना छूटने पाए' की थीम के साथ वोटर आईडी की प्रिंटिंग और तय समय के अंदर उनका वितरण किया जा रहा है.
आयोग ने अपने बयान में आगे कहा है कि, 'AERO ऑफिस के एक डेटा एंट्री ऑपरेटर ने गैरकानूनी तरीके से सहारनपुर के नकुड़ में एक अनाधिकृत प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर को अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड शेयर किया था. जानकारी मिली है कि कुछ वोटर आईडी प्रिंट करने के लिए ऐसा किया गया था. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. निर्वाचन आयोग का डेटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है.'
वहीं इस मामले में एसएसपी चेनप्पा ने बताया कि आरोपी विपुल सैनी मध्य प्रदेश के हरदा जिले के रहने वाले अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहा था. इस दौरान उसने बीते तीन महीने में दस हजार से ज्यादा फर्जी वोटर आईडी बना लिए थे. साइबर सेल और सहारनपुर अपराध शाखा के संयुक्त ऑपरेशन में गुरुवार को आरोपी विपुल सैनी को गिरफ्तार किया गया.