युवती पर धर्म परिवर्तन के दबाव का आरोप निराधार : एसएसपी
By भाषा | Published: January 3, 2021 03:24 PM2021-01-03T15:24:48+5:302021-01-03T15:24:48+5:30
बरेली (उप्र), तीन जनवरी जिले के फरीदपुर थाने में विवाह के लिए एक युवती पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने और उसे स्कूटी से नीचे खींचने के मामले की जांच में पुलिस ने पाया है कि सभी आरोप निराधार हैं।
पुलिस ने बताया कि इस संबंध में फरीदपुर थाने में एक जनवरी को तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि जांच में युवती पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का आरोप सही नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि जांच में आरोप गलत पाये जाने के बाद विधिक प्रक्रिया के तहत झूठे मामले को रद्द किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि युवती ने एक जनवरी को अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बरेली से फरीदपुर आने के दौरान नौगांवा मोड़ पर अबरार, उसके भाई मैसूर और इरशाद ने उसको स्कूटी से खींचने और धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव बनाया। तहरीर में यह घटना एक दिसंबर, 2020 की बताई गई है।
एसएसपी के अनुसार, शिकायत चुंकी घटना के एक महीने बाद दर्ज करायी गई थी, इसलिए पुलिस को संदेह हुआ और जांच में लगाए गए आरोपों के कई तथ्य गलत मिले। उन्होंने कहा कि एक दिसंबर को कथित घटना के दिन आरोपियों के मौके पर होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं।
उन्होंने बताया कि युवती पिछले वर्ष नौ सितंबर को अबरार नामक युवक के साथ घर से चली गई थी, जिसके बाद उसे नाबालिग बताते हुए अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था। युवती दिल्ली के तुगलकाबाद में करीब 15 दिन रहने के बाद लौट आई थी और जांच में उसके बालिग (24 साल) होने की पुष्टि हुई थी।
पुलिस के अनुसार, युवती के माता-पिता नहीं हैं और वह अपने मामा के पास रहती है। घटना के बाद उसका विवाह 11 दिसंबर को आवंला क्षेत्र में कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि आरोप है कि कुछ दिन पहले युवती के ससुराल जाकर अबरार ने उसे धमकाया और फरीदपुर वापस नहीं आने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
एसएसपी ने कहा कि आंवला जाकर युवती को धमकी देने के मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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