चलती ट्रेन में चढ़ते समय हादसा...तो भी पीड़ित परिवार मुआवजे का हकदार, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ का फैसला

By सौरभ खेकडे | Updated: February 11, 2022 20:38 IST2022-02-11T20:37:28+5:302022-02-11T20:38:30+5:30

बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर के सिंधि कॉलोनी निवासी शबीना कादिर अहमद शेख और उनके परिवार को 8 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश रेलवे को दिया है।

Accident while boarding moving train even then victim's family entitled to compensation Says High Court | चलती ट्रेन में चढ़ते समय हादसा...तो भी पीड़ित परिवार मुआवजे का हकदार, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ का फैसला

चलती ट्रेन में चढ़ते समय हादसा...तो भी पीड़ित परिवार मुआवजे का हकदार (फाइल फोटो)

Highlightsहाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए मृतक व्यक्ति के परिवार को दें 8 लाख रूपए मुआवजा देने का आदेश किया है।कादिर अहमद शेख ट्रेन में चढ़ते समय हादसे का शिकार हुए थे और उनकी मौत हो गई थी।परिवार ने मुआवजा मांगा था पर रेलवे ने यात्री की गलती बताकर इस मांग को खारिज कर दिया था।

नागपुर: बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने रेल यात्रा से जुड़ा एक अहम आदेश जारी किया है. न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने माना है कि चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास करते वक्त यदि कोई यात्री गिर कर घायल हो जाएं या उसकी मृत्यु हो जाएं, तब भी पीड़ित परिवार मुआवजे का हकदार है. 

हाईकोर्ट ने रेलवे के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें रेलवे यह दलील दे रहा था कि चलती ट्रेन में चढ़ना या उतरना पूरी तरह यात्री की ही गलती होती है और यह आपराधिक लापरवाही (क्रिमिनल निग्लिजेंस) की श्रेणी में आता है. 

हाईकोर्ट ने रेलवे की दलील पर क्या कहा

हाईकोर्ट ने कहा है कि इसे यात्री की गलती तब तक नहीं माना जा सकता, तब तक रेलवे यह साबित ना कर दें कि यात्री ने चलती ट्रेन पर चढ़ते या उतरते वक्त मस्तिष्क का इस्तेमाल नहीं किया और बड़ी लापरवाही का परिचय दिया. जब भी ऐसे हादसे होते है तो केस-टू-केस आधार पर उस परिस्थिति पर गौर करना चाहिए, जिसमें यात्री को चलती ट्रेन में चढ़ना या उतरना पड़ा. 

परिवार को 2 सप्ताह के भीतर 8 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश

मामले में हाईकोर्ट ने इस निरीक्षण के साथ सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक को नागपुर के सिंधि कॉलोनी निवासी शबीना कादिर अहमद शेख और उनके परिवार को 2 सप्ताह के भीतर 8 लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए है. 

दरअसल कादिर अहमद शेख काटोल से ट्रेन (क्रमांक 12296) पकड़ते वक्त गिर पड़े थे. इस हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी. पीड़ित परिवार ने जब मुआवजे के लिए रेलवे ट्रिब्यूनल की शरण ली, तो ट्रिब्यूनल ने हादसे को पूरी तरह यात्री की गलती बता कर मुआवजे का दावा खारिज कर दिया था. परिवार ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. जहां हाईकोर्ट ने उन्हे मुआवजे का हकदार माना है.

Web Title: Accident while boarding moving train even then victim's family entitled to compensation Says High Court

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