शिक्षाविदों ने सौ प्रतिशत ‘कट-ऑफ’ घोषित करने के बाद बोर्ड मूल्यांकन प्रणाली पर सवाल उठाये

By भाषा | Updated: October 2, 2021 20:52 IST2021-10-02T20:52:25+5:302021-10-02T20:52:25+5:30

Academics question board evaluation system after declaring 100% cut-off | शिक्षाविदों ने सौ प्रतिशत ‘कट-ऑफ’ घोषित करने के बाद बोर्ड मूल्यांकन प्रणाली पर सवाल उठाये

शिक्षाविदों ने सौ प्रतिशत ‘कट-ऑफ’ घोषित करने के बाद बोर्ड मूल्यांकन प्रणाली पर सवाल उठाये

नयी दिल्ली, दो अक्टूबर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के आठ कॉलेजों द्वारा 11 पाठ्यक्रमों के लिए सौ प्रतिशत ‘कट-ऑफ’ की घोषणा किये जाने के एक दिन बाद शिक्षाविदों के एक वर्ग ने शनिवार को तमाम बोर्ड की मूल्यांकन पद्धति पर सवाल खड़े किये और कुछ ने प्रवेश परीक्षाओं के विचार को यह कहते हुए नकार दिया कि इससे कोचिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

कुछ विशेषज्ञों ने अच्छी गुणवत्ता वाले संस्थान खोलने के लिए अधिक निवेश करने पर जोर दिया और कहा कि इससे छात्रों का भला होगा। उन्होंने कहा कि इतने सारे छात्रों द्वारा शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने से उनकी निष्ठा पर भी प्रश्न खड़े होते हैं जिन्हें अंक देने का दायित्व सौंपा गया था।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरविन्द झा ने कहा, “शत प्रतिशत अंक देने से उन लोगों की निष्ठा पर सवाल खड़े होते हैं जिन्हें बोर्ड या स्कूलों में अंक देने के लिए नियुक्त किया गया है। इससे पहले प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने का विचार किया गया था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अगर इस मौके पर यह किया जाता है तो एक बेहतर समाधान होगा।”

उन्होंने कहा, “अगर यह नहीं किया जा रहा है तो दिल्ली विश्वविद्यालय ऑनलाइन साक्षात्कार क्यों नहीं आयोजित करवाता। उन सभी 10 छात्रों का मूल्यांकन हो जाएगा जो सौ प्रतिशत अंक लेकर आए हैं और उनमें से एक का चयन हो जाएगा। विशेषकर कोविड महामारी में इसके बारे में सोचना चाहिए।”

‘नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट’ के प्रोफेसर ए के भागी ने कहा, “पूर्ण अंक सर्वश्रेष्ठ चार विषयों के लिए हैं और छात्रों के चार विषयों में पूर्ण अंक होने की उच्च संभावना है।’’

उन्होंने कहा, “लेकिन ऐसे छात्रों की संख्या कोविड से पहले के समय में कम थी लेकिन महामारी के कारण और आंतरिक मूल्यांकन की वजह से शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वालों की संख्या बढ़ गई है। इससे अधिक कॉलेजों में सौ प्रतिशत कट ऑफ देखे जा रहे हैं।”

भागी ने कहा कि एक मिलजुली प्रणाली को अपनाया जा सकता है जिसमें बोर्ड के अंकों के अलावा प्रवेश परीक्षा में किये गए प्रदर्शन पर गौर किया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य राजेश झा ने कहा कि बोर्ड परीक्षा प्रणाली में सुधार किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शी है और बिना भेदभाव के कट-ऑफ के आधार पर प्रवेश दिया गया है।

विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा, “सरकार को उच्च शिक्षा पर और अधिक निवेश करना चाहिए, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भर्ती करनी चाहिए और नए संस्थान स्थापित करने चाहिए।

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Web Title: Academics question board evaluation system after declaring 100% cut-off

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