नई दिल्ली: बीते एक सप्ताह से रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। यूक्रेन की धरती पर हो रहे इस जंग बीच भारत सरकार का 'ऑपरेशन गंगा' यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए चलाया जा रहा है। भारत सरकार की प्राथमिकता है कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाए।
गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस वार्ता में कहा कि हमारी पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद कुल 18,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौटे हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत 30 उड़ानें अब तक यूक्रेन से 6,400 भारतीयों को लेकर भारत पहुंचीं हैं। अगले 24 घंटों में 18 और फ्लाइट शेड्यूल हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, शुरुआत में 20,000 भारतीय नागरिकों का पंजीकरण किया गया था, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया था। हमारा अनुमान है कि कुछ सौ नागरिक अभी भी खार्किव में रह रहे हैं। हमारी प्राथमिकता छात्रों को सुरक्षित रूप से बाहर ले जाना है। भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हमें जो रूट सुविधाजनक लगेगा हम वहां से उन्हें निकालेंगे। यूक्रेन से बाहर निकलने के बाद ज़्याजा परेशानी नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रूस के उस दावे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी जिसमें ये कहा गया है कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर उन्हें अपनी ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इस पर बागची ने कहा कि हमारे पास वहां पर बंधक बनाकर रखने की कोई भी जानकारी नहीं है।
ऑपरेश गंगा को और गति देने पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हम और उड़ानें शेड्यूल कर रहे हैं और अगले 2-3 दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय वापस लौट आएंगे। मैं अपने लोगों की मेज़बानी करने और उन्हें निकालने में सहायता प्रदान करने के लिए यूक्रेन की सरकार और पड़ोसी देशों की सराहना करना चाहता हूं।