नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम से वैक्सीन को लेकर भ्रामक जानकारी वायरल, पुलिस ने कहा-गलत जानकारी वायरस की तरह ही जानलेवा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 25, 2021 19:37 IST2021-05-25T19:27:39+5:302021-05-25T19:37:46+5:30

सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्व सुप्रसिद्ध लोगों के हवाले से वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कर रहे हैं। ऐसा ही एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की दो साल में मौत हो जाएगी।

A misleading quote attributed to a french nobel laureate about vaccines is being shared on social media | नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम से वैक्सीन को लेकर भ्रामक जानकारी वायरल, पुलिस ने कहा-गलत जानकारी वायरस की तरह ही जानलेवा

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsगलत जानकारी भी वायरस की तरह ही जानलेवा- असम पुलिसवैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी वायरल

कोरोना वायरस को लेकर लोग परेशान हैं और रोजाना करीब दो लाख मामले सामने आ रहे हैं। वहीं मौतों की संख्या भी सैंकड़ों में हैं। ऐसे में वैक्सीन लगवाना ही इस महामारी से बचने का सबसे बेहतर तरीका है। बावजूद इसके सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्व सुप्रसिद्ध लोगों के हवाले से वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कर रहे हैं। ऐसा ही एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की दो साल में मौत हो जाएगी।

अब असम पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है और कहा है कि इस तरह की भ्रमित करने वाले हैं। साथ ही असम पुलिस ने कहा है कि गलत जानकारी भी वायरस की तरह ही जानलेवा हो सकती है। असम पुलिस ने लिखा है कि फ्रांस के एक नोबेल पुरस्कार विजेता के हवाले से वैक्सीन के बारे में एक जानकारी सोशल मीडिया पर गलत संदर्भ में शेयर की जा रही है।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की असत्यापित जानकारियों को आगे न बढ़ाएं। पुलिस ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि याद रखिए गलत जानकारी भी वायरस की तरह ही जानलेवा साबित हो सकती है। 

ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने किया दावा

दरअसल नोबेल पुरस्कार विजेता और वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने वायरस के नए वैरिएंट को लेकर के कई दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि ये टीकाकरण ही है, जिसके कारण नए वेरिएंट उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि टीकाकरण ही नए वेरिएंट को उत्पन्न कर रहा है। चीनी वायरस के लिए एंटीबॉडी है, जो कि वैक्सीन से आती है। इससे क्या वायरस मर जाता है? या फिर वह नए रास्ते ढूंढ लेता है? 

वैक्सीन लगवाने वाले के मरने की बात नहीं कही

मॉन्टैग्नियर ने कहा कि हर देश में टीकाकरण का ग्राफ मौत के ग्राफ के साथ चल रहा है। मैंने बहुत करीब से इसे देखा है और मैं ऐसे मरीजों पर प्रयोग कर रहा हूं, जो वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वायरस ऐसे वेरिएंट बना रहा है, जिस पर वैक्सीन का प्रभाव कम है। हालांकि वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने वाले मर जाएंगे, लेकिन मॉन्टैग्नियर ने ऐसा नहीं कहा है। 

Web Title: A misleading quote attributed to a french nobel laureate about vaccines is being shared on social media

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