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सभी बच्चों को टीका लगाने में लगेगा नौ महीने का समय, तबतक स्कूलों को बंद नहीं रखा जा सकता : डॉ रणदीप गुलेरिया

By दीप्ती कुमारी | Published: September 02, 2021 8:32 AM

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बच्चों के स्कूल खोलने पर सहमित जताई है और कहा कि हम छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोल सकते हैं क्योंकि बच्चे कोविड-19 का शिकार नहीं होते ।

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ठळक मुद्देएम्स निदेशक ने स्कूलों को खोलने पर जताई सहमति निदेशक ने कहा - छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोल सकते हैं डॉ गुलेरिया ने कहा कि कम पॉजिटिविटी रेट वाले राज्य स्कूल खोल सकते हैं

दिल्ली : बुधवार को दिल्ली में ऑफलाइन कक्षाओं के लिए स्कूल खुल गए । अन्य कई राज्यों में भी ऑफलाइन स्कूल संचालित किए जा रहे हैं । हालांकि इस निर्णय ने विशेषज्ञों, छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बहस शुरू कर दी है । विशेष रूप से बहस इस बात पर हो रही है कि अभी तक बच्चों के लिए कोविड-19 की वैक्सीन उपलब्ध नहीं है ।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को इंडिया टुडे  को बताया कि भारत में सभी बच्चों का टीकाकरण करने में नौ महीने तक का समय लगेगा । उन्होंने कहा कि अगले साल के मध्य तक स्कूलों को बंद नहीं रखा जा सकता है ।

इसके अतिरिक्त डॉ गुलेरिया ने कहा कि वह स्कूलों को फिर से खोलने के समर्थन में हैं क्योंकि बच्चों के लिए स्कूल जाना महत्वपूर्ण है । हालांकि डॉ गुलेरिया ने केरल में अभी स्कूल न खोलने की बात कही है । उन्होंने कहा कि हम दिल्ली जैसे राज्यों , जहां पॉजिटिविटी रेट कम हैं । वहां स्कूल खोल सकते हैं । साथ ही उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई बच्चों के पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करना का विकल्प नहीं है । 

स्टाफ का टीकाकरण करें और कम भीड़ जमा होने दें 

उन्होंने कहा कि स्कूलों में सभी स्टाफ सदस्यों को टीका लगाया जाना चाहिए और लंच ब्रेक के दौरान और जब छात्र स्कूल परिसर में प्रवेश कर रहे हों या बाहर निकल रहे हों, तो भीड़ से बचने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए । डॉ गुलेरिया ने कहा कि यदि स्कूलों में क्लस्टर मामले दर्ज किए जाते हैं, तो उन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए ।यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यों को छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने चाहिए । इस सवाल के जवाब में  डॉ गुलेरिया ने कहा कि हम छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोल सकते हैं क्योंकि छोटे बच्चे कोविड -19 की चपेट में नहीं आते हैं ।

बच्चों के लिए टीकों पर, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत बायोटेक सितंबर के अंत तक बच्चों के लिए कोवैक्सिन के उपयोग के लिए नियामक अनुमोदन के लिए आवेदन करेगा । उन्होंने कहा कि उन्हें इसी महीने मंजूरी मिलने की संभावना है ।

हालांकि, डॉ गुलेरिया ने कहा कि केरल की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा, “हम केरल में मामलों में तेजी देख रहे हैं । यह देश भर में मामलों में स्पाइक की शुरुआत हो सकती है। ” आपको बताते दें कि केरल में एक दिन में सबसे अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं ।  

टॅग्स :एम्सRandeep Guleriaकोविड-19 इंडियाSchool Education
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