लाइव न्यूज़ :

21-22 शैक्षणिक सत्र में 66 फीसदी स्कूलों में नहीं थी इंटरनेट की सुविधा, शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

By मनाली रस्तोगी | Published: November 04, 2022 10:59 AM

शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में कोविड-19 महामारी को देखते हुए शिक्षा प्रणाली ने ऑनलाइन मोड में काम किया था। इस दौरान 2021-22 शैक्षणिक वर्ष में 66 फीसदी इंटरनेट के बिना थे।

Open in App
ठळक मुद्देरिपोर्ट में कहा गया है कि 10.6 फीसदी स्कूलों में बिजली नहीं थी और 23.04 फीसदी स्कूलों में खेल के मैदान नहीं थे.12.7 फीसदी के पास पुस्तकालय और वाचनालय नहीं थे.सुविधाओं की कमी के बावजूद 2021-22 में सीडब्ल्यूएसएन छात्रों के नामांकन में 3.4 फीसदी की वृद्धि हुई.

नई दिल्ली: कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन मोड में काम करते हुए देश के 14,89,115 स्कूलों में से कम से कम 55.5 फीसदी में कंप्यूटर की सुविधा नहीं थी. इस दौरान 2021-22 शैक्षणिक वर्ष में 66 फीसदी इंटरनेट के बिना थे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. गुरुवार को जारी हुई यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन रिपोर्ट सरकारी और निजी स्कूलों के स्वैच्छिक आंकड़ों पर आधारित है.

रिपोर्ट ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में केवल 6,82,566 स्कूलों में कंप्यूटर थे, जबकि उनमें से 5, 04, 989 में इंटरनेट कनेक्टिविटी थी. रिपोर्ट ने स्कूलों के बीच डिजिटल अंतराल पर प्रकाश डाला. रिपोर्ट ने कहा कि केवल 2.2 फीसदी स्कूलों में डिजिटल पुस्तकालय थे और उनमें से केवल 14.9 फीसदी के पास स्मार्ट क्लासरूम थे, जिनका उपयोग डिजिटल बोर्ड, स्मार्ट बोर्ड और स्मार्ट टीवी के साथ पढ़ाने के लिए किया जाता है. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 10.6 फीसदी स्कूलों में बिजली नहीं थी और 23.04 फीसदी स्कूलों में खेल के मैदान नहीं थे. 12.7 फीसदी के पास पुस्तकालय और वाचनालय नहीं थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 26.96 फीसदी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (CWSN) के अनुकूल शौचालय थे और 50 फीसदी से कम में हैंड्रिल सुविधाओं के साथ 2021-22 में रैंप थे. 

सुविधाओं की कमी के बावजूद 2021-22 में सीडब्ल्यूएसएन छात्रों के नामांकन में 3.4 फीसदी की वृद्धि हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसूचित जाति के छात्रों की संख्या प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक बढ़ रही है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह 2020-21 में 4.78 करोड़ से बढ़कर 4.83 करोड़ हो गया है. इसी तरह, 2020-21 और 2021-22 के दौरान कुल अनुसूचित जनजाति के छात्र 2.49 करोड़ से 2.51 करोड़ और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र 11.35 करोड़ से बढ़कर 11.49 करोड़ हो गए हैं."

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप UDISE+ रिपोर्ट में अतिरिक्त संकेतक जोड़े गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2.47 मिलियन से अधिक छात्रों को "प्रतिभाशाली बच्चों" के रूप में पहचाना गया है और 980000 को मेंटर प्रदान किए गए हैं.

टॅग्स :School Educationकंप्यूटरशिक्षा मंत्रालयEducation Ministry
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDelhi High Court: 'एसी में बच्चे पढ़ेंगे, पेरेंट्स को उठाना होगा खर्च', कोर्ट ने कहा

भारतDelhi School News: स्कूल में चाहिए AC तो माता-पिता खर्च वहन करें, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा, इस याचिका को किया खारिज

ज़रा हटकेViral Video: स्कूल में लेट पहुंचने के लिए प्रिंसिपल ने महिला टीचर को पीटा, वीडियो इंटरनेट पर वायरल, देखिए

भारतWBBSE Madhyamik Result 2024: पश्चिम बंगाल बोर्ड के 10वीं के रिजल्ट का ऐलान, कूच बिहार के स्टूडेंट ने किया टॉप; आप भी देखें अपना रिजल्ट

भारतWBBSE Board 10th Result 2024: पश्चिम बंगाल में इस दिन जारी होगा 10वीं का रिजल्ट, जानें कब-कहां देख पाएंगे आप

भारत अधिक खबरें

भारतArvind Kejriwal Meeting AAP Mla: 'मेरी गिरफ़्तारी के बाद 'आप' ज़्यादा मज़बूत हो गई' सीएम आवास पर विधायकों की बैठक में बोले केजरीवाल

भारतLok Sabha Elections 2024: "कांग्रेस ने मुझे धोखा दिया था, मैंने नहीं", सूरत से पार्टी के उम्मीदवार रहे नीलेश कुंभानी ने कहा

भारतPM Narendra Modi Interview: 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की घोषणा क्या राष्ट्रीय मुद्दा है? जानिए पीएम मोदी ने क्या जवाब दिया

भारतPM Narendra Modi Interview: अचानक ऐसा क्या हुआ कि हिंदू कार्ड, मंगलसूत्र और पाकिस्तान के मुद्दे प्रचार में छा गए? पीएम मोदी ने दिया जवाब

भारतPM Narendra Modi Interview: महाराष्ट्र में कौन सा नया उद्योग क्षेत्र पीएम मोदी की प्राथमिकता में है? प्रधानमंत्री ने दिया ये जवाब