बॉर्डर से सटे क्षेत्र में भारी टैंक ले जाने के लिए 54 पुल बनकर तैयार, अब 44 और पुलों का हुआ उद्घाटन
By अनुराग आनंद | Published: October 12, 2020 05:25 PM2020-10-12T17:25:29+5:302020-10-12T18:29:31+5:30
रक्षा मंत्रालय के अनुसार बीआरओ द्वारा निर्मित इन 44 ब्रिज में से 10 जम्मू-कश्मीर में हैं। 7 लद्दाख, 2 हिमाचल प्रदेश, 4 पंजाब, 8 उत्तराखंड, 8 अरुणाचल प्रदेश और 4 सिक्किम में हैं।
नई दिल्ली: एलएसी पर भारत व चीनी सेना के बीच तनाव अब भी जारी है। दोनों देशों के कमांडर स्तर के अधिकारी आज (सोमवार) एक बार फिर से तनाव कम करने के लिए मिले। इस बीच भारत ने एलएसी के इस पार आधारभूत संरचनाओं के विस्तार के लिए भारतीय सेना ने 44 नए पुलों का उद्घाटन किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन पुलों का उद्घाटन किया है। इसके साथ ही सेना की तरफ से बताया गया है कि इस साल चीनी सीमा से सटे क्षेत्रों में करीब 54 पुल बनकर तैयार हो गए हैं। जबकि 44 और पुलों को एक साल के समय-सीमा में बनाकर तैयार कर लेने का लक्ष्य है।
एचटी रिपोर्ट की मानें तो इन पुलों से होकर टी-90 टैंक समेत सभी भारी-भरकम हथियारों से लदे वाहन व टैंक का आवागमन आसानी से हो सकेगा। एक अधिकारी ने बताया कि 44 पुलों में से 30 पुल लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक एलओसी जाने वाले रूट पर आते हैं।
बीआरओ इस साल 102 पुलों का निर्माण कर रहा है, जबकि पहले एक साल में 50 पुल का ही निर्माण होता था। साफ है कि भारत सरकार अब सीमा से लगे क्षेत्र में तेजी से आधारभूत संरचनाओं का विकास कर रहा है।
बता दें कि पहली बार देश की अलग-अलग सीमाओं पर बने पुलों का एकसाथ उद्घाटन किया गया है। पिछले 2 महीने से चीन से चल रही तनातनी के बीच बीआरओ दिन-रात एक कर सीमाओं की नदी-नालों पर पुलों का निर्माण कर रही है। इनमें से 22 अकेले चीन सीमा पर जाने के लिए तैयार किए गए हैं। इनमें से एक हिमाचल प्रदेश के दारचा में तैयार किया गया है, जो करीब 350 मीटर लंबा है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार बीआरओ द्वारा निर्मित इन 44 ब्रिज में से 10 जम्मू-कश्मीर में हैं। 7 लद्दाख, 2 हिमाचल प्रदेश, 4 पंजाब, 8 उत्तराखंड, 8 अरुणाचल प्रदेश और 4 सिक्किम में हैं। पुलों का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल भी मौजूद रहे। बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपालसिंह भी इस अवसर पर मौजूद रहे।