गुजरात: उना कांड के पीड़ितों समेत दलितों ने छोड़ा हिन्दू धर्म, सामूहिक रूप से बने बौद्ध
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: April 30, 2018 10:49 IST2018-04-30T08:24:35+5:302018-04-30T10:49:30+5:30
गुजरात के ऊना के पास मोटा समाधियाला गांव में लगभग 45 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया है।

गुजरात: उना कांड के पीड़ितों समेत दलितों ने छोड़ा हिन्दू धर्म, सामूहिक रूप से बने बौद्ध
ऊना, 30 अप्रैल: गुजरात के ऊना के पास मोटा समाधियाला गांव में लगभग 45 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया है। 45 से ज्य़ादा हिंदुओं ने बौद्ध धर्म को स्वीकार किया है। खास बात है धर्म परिर्तन करने वालों में ऊना पिटाई कांड के पीड़ित भी शामिल थे।
खबर के मुताबिक गिर सोमनाथ जिले के मोटा समढियाला गांव में ही परिवार ने धर्म परिवर्तन संस्कार में भाग लिया गया है। यह वही गांव है जहां करीब दो साल पहले इन लोगों को पीटा गया था। साल 2016 में इसी गांव में खुद को गौरक्षक बताने वाले लोगों ने वाश्रम सरवैया और उनके भाई पर गायों को मारने का आरोप लगाया गया था।
जिसके बाद दलितों की पिटाई की घटना के बाद गुजरात में दलितों का गुस्सा फूट पड़ा और कई जगह विरोध प्रदर्शन हुएष कहा जा रहा है 2 साल तक इंसाफ ना मिलने पर इस घटना से नाराज़ कई लोगों ने रविवार को बौद्ध धर्म अपना लिया। ऊना के पीड़ितों ने पहले ही एलान कर दिया था कि रविवार को वह पूरे परिवार संग अपना धर्म बदल लेंगे।
इतना ही नहीं इनका कहना है कि ये सभी लगातार अपने धर्म में भेदभाव का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनको गुजरात सरकार किसी तरह की मदद देने में नाकाम रही है। रविवार को हुए समारोह का आयोजन सरवैया परिवार ने किया था, जिसमें इसमें गुजरात के कई हिस्सों से आए दलितों ने भाग लिया था।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस सतर्क थी. ऊना से मोटा समाधियाला जाते वक्त कई जगहों पर पुलिस का भारी बंदोबस्त नज़र आया। वही, जब ये प्रकरण हुआ था तो जिग्नेश मेवाणी इनके साथ नजर आए थे लेकिन रविवार को वो यहां नजर नहीं आए थे। वहीं, इन लोगों का कहना है कि बौद्ध धर्म इंसान को प्यार करना सिखाता है बजाए इसके कि सिर्फ गाय या किसी और जानवार से प्यार किया जाए।