जम्मू-कश्मीर: अस्पताल से आतंकी को भागाने में मदद करने वाले चार अरेस्ट, जिनमें दो हैं आतंकवादी
By भारती द्विवेदी | Updated: February 8, 2018 19:45 IST2018-02-08T19:09:11+5:302018-02-08T19:45:53+5:30
आतंकी नवीद को भगाने के मामले में एसआईटी ने चार लोगों को रेड मारकर गिरफ्तार किया।

जम्मू-कश्मीर: अस्पताल से आतंकी को भागाने में मदद करने वाले चार अरेस्ट, जिनमें दो हैं आतंकवादी
छह फरवरी को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के हरि सिंह अस्पताल से फरार हुए आंतकी मामले में नया मोड़ आया है। दरअसल, आंतकी नवीद जट उर्फ अबु हंजुला और उसके साथियों की भागने में मदद करने के आरोप में एसआईटी ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन चार में 2 आतंकी और उनके मददगार शामिल हैं। इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर के एडीजीपी मुनीर खान ने दी है। वहीं इस मामले में श्रीनगर सेंट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया गया है।
2 terrorists & 2 Over Ground Workers arrested in a raid conducted by SIT in connection with firing in SMHS Hospital on 6th February #JammuAndKashmirpic.twitter.com/yBltbFUJz0
— ANI (@ANI) February 8, 2018
आपको बता दें, श्री महाराज हरी सिंह अस्पताल में पुलिस नवीद समेत 6 कैदियों को इलाज के लिए ले गई थी। जहां नवीद को छुड़ाने के लिए उसके आंतकी साथियों ने दिन-दहाड़े अस्पताल पर हमला कर दिया था। इस हमले में 2 पुलिस वाले मारे गए थे। हालांकि पुलिस ने भी हमले की जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकी नवीद जट वहां से भागने में कामयाब हो गया।
जम्मू-कश्मीर: अस्पताल से फरार हुए आतंकी मामले में DGP ने माना सुरक्षा में हुई चूक
वहीं जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने गुरुवार (8 फरवरी) को श्रीनगर अस्पताल से दो दिन पहले एक आतंकवादी के भाग जाने की वारदात को एक सुनियोजित साजिश बताया जिसने सुरक्षा व्यवस्था की चूक को उजागर किया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.पी. वैद ने कहा कि एसएमएचएस अस्पताल से छह फरवरी को आतंकवादी हमला कर नवीद जाट उर्फ अबू हुन्जुल्ला को भगा ले जाना श्रीनगर सेंट्रल जेल की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है।
वैद ने कहा, "पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में एसआईटी टीम इस घटना की जांच कर रही है। मेरा मानना है किपूरी तह तक जाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।"
यह पूछे जाने पर कि श्रीनगर जेल में क्यूं इतने बड़े आतंकवादी को रखा गया था, क्या उसे कश्मीर घाटी के बाहर नहीं रखा जा सकता था जहां ऐसे ही अन्य कैदियों को रखा जाता है, इस पर वैद ने कहा कि हुन्जुल्ला को न्यायालय के आदेश के बाद श्रीनगर में स्थानांतरित किया गया था।