जम्मू-कश्मीर: अस्पताल से फरार हुए आतंकी मामले में DGP ने माना सुरक्षा में हुई चूक

By IANS | Published: February 8, 2018 05:36 PM2018-02-08T17:36:44+5:302018-02-08T17:45:55+5:30

पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने कहा कि हरि सिंह अस्पताल से 6 फरवरी को आतंकवादी हमला कर नवीद जाट उर्फ अबू हुन्जुल्ला को भगा ले जाना श्रीनगर सेंट्रल जेल की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है। 

DGP accepts failure in the case where terrorists fled from hospital | जम्मू-कश्मीर: अस्पताल से फरार हुए आतंकी मामले में DGP ने माना सुरक्षा में हुई चूक

जम्मू-कश्मीर: अस्पताल से फरार हुए आतंकी मामले में DGP ने माना सुरक्षा में हुई चूक

जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को श्रीनगर अस्पताल से दो दिन पहले एक आतंकवादी के भाग जाने की वारदात को एक सुनियोजित साजिश बताया जिसने सुरक्षा व्यवस्था की चूक को उजागर किया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.पी. वैद ने कहा कि एसएमएचएस अस्पताल से छह फरवरी को आतंकवादी हमला कर नवीद जाट उर्फ अबू हुन्जुल्ला को भगा ले जाना श्रीनगर सेंट्रल जेल की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है। 

वैद ने कहा, "पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में एसआईटी टीम इस घटना की जांच कर रही है। मेरा मानना है किपूरी तह तक जाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।" 

यह पूछे जाने पर कि श्रीनगर जेल में क्यूं इतने बड़े आतंकवादी को रखा गया था, क्या उसे कश्मीर घाटी के बाहर नहीं रखा जा सकता था जहां ऐसे ही अन्य कैदियों को रखा जाता है, इस पर वैद ने कहा कि हुन्जुल्ला को न्यायालय के आदेश के बाद श्रीनगर में स्थानांतरित किया गया था।

करण नगर के श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल के ओपीडी से हुन्जुल्ला का भागना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। इस घटना में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। 

दिनदहाड़े अस्पताल से एक आतंकवादी के भागने के बाद कई प्रश्न उठ रहे हैं जिसमें में सबसे बड़ा सवाल है कि अन्य बंदियों के साथ इस खूंखार आतंकवादी को चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाने के दौरान केवल दो पुलिसकर्मियों ही क्यों थे?

यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या कैदी को लाने के मामले में ऐसी स्थितियों के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन किया गया था? क्या योजना बना रहे आतंकियों को सटीक मार्ग और समय की जानकारी थी? ऐसा न होता तो इस घटना को इतना सफलतापूर्वक अंजाम देना शायद संभव न होता।

सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि अगर श्रीनगर सेंट्रल जेल से आतंकवादियों तक सटीक जानकारी नहीं पहुंचती, तो यह हमला क्या संभव होता?

जब अधिकारी इन सवालों का सामना कर रहे हैं, तब खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह साजिश हिजबुल संगठन के साथ लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर रची थी। 

फरार आतंकवादी की सुरक्षा बलों द्वारा खोज की जा रही है। और, अगर दक्षिण कश्मीर में सक्रिय एक शीर्ष आतंकवादी कमांडर रियाज नाइकू द्वारा जारी एक वीडियो क्लिप पर भरोसा किया जाए तो हुन्जुला फिर से आतंकवादियों की जमात में शामिल हो गया है। 

Web Title: DGP accepts failure in the case where terrorists fled from hospital

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