जम्मू क्षेत्र के पहाड़ी जिलों में आतंक को कुचलने की तैयारी, 3,000 सैनिकों को तैनात किया गया, पैरा-स्पेशल फोर्सेज की टीमें भी भेजी गईं

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 20, 2024 12:00 IST2024-07-20T11:59:08+5:302024-07-20T12:00:29+5:30

सेना भी इस नई चुनौती से निपटने के लिए गंभीर है। सेना ने पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में आतंकवाद में वृद्धि से निपटने के लिए जम्मू क्षेत्र में अन्य 3,000 सैनिकों को तैनात किया है। जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भी शनिवार को परिचालन स्थिति की समीक्षा करने के लिए क्षेत्र का दौरा करने वाले हैं।

3,000 soldiers deployed in Jammu region to crush terror para-special forces sent | जम्मू क्षेत्र के पहाड़ी जिलों में आतंक को कुचलने की तैयारी, 3,000 सैनिकों को तैनात किया गया, पैरा-स्पेशल फोर्सेज की टीमें भी भेजी गईं

अतिरिक्त सैनिक जम्मू क्षेत्र में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों को और तेज़ करेंगे

Highlightsजम्मू क्षेत्र के पहाड़ी जिलों में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैंआतंकवादियों ने अपना ध्यान कश्मीर से जम्मू पर केंद्रित कर दिया हैसेना ने निपटने के लिए जम्मू क्षेत्र में अन्य 3,000 सैनिकों को तैनात किया है

नई दिल्ली: जम्मू क्षेत्र के पहाड़ी जिलों में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ इसे लेकर चिंतित हैं। 2019 में अनुच्छेद 370 और 35-ए को खत्म करने के बाद जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों और अन्य आतंकी घटनाओं तेजी आई है। आतंकवादियों ने अपना ध्यान कश्मीर से जम्मू पर केंद्रित कर दिया है। अनुच्छेद 370 हटने से पहले आतंकियों का फोकस कश्मीर घाटी थी लेकिन अब जम्मू क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में आतंकी हमलों में बड़ी वृद्धि हुई है।

सेना भी इस नई चुनौती से निपटने के लिए गंभीर है। सेना ने पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में आतंकवाद में वृद्धि से निपटने के लिए जम्मू क्षेत्र में अन्य 3,000 सैनिकों को तैनात किया है। जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भी शनिवार को परिचालन स्थिति की समीक्षा करने के लिए क्षेत्र का दौरा करने वाले हैं। पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर के बाहर से एक ब्रिगेड मुख्यालय, तीन पैदल सेना बटालियन और विशिष्ट पैरा-स्पेशल फोर्सेज की कुछ टीमों को जम्मू क्षेत्र में भेजा गया है।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये अतिरिक्त सैनिक जम्मू क्षेत्र में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों को और तेज़ करेंगे। इसके अलावा सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) से और अधिक सैनिकों को शामिल किया जा रहा है। सेना जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तान मूल के आतंकवादियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त और समन्वित अभियानों की एक श्रृंखला चला रही है। जम्मू में कश्मीर की तुलना में सीमा पार से घुसपैठ के रास्ते आसान हैं, इन रास्तों पर अतिरिक्त निगरानी रखने की तैयारी है।

बता दें कि जम्मू क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में आतंकी हमलों में हालिया वृद्धि 11 अक्टूबर, 2021 को शुरू हुई। इस दिन एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित पांच सेना कर्मियों ने पुंछ जिले में एक मुठभेड़ में सर्वोच्च बलिदान दिया।  तब से, क्षेत्र में आतंकवादी हमलों और अन्य आतंकवादी घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। आतंकियों ने  नागरिकों को भी निशाना बनाया है। 2023 में  1 जनवरी को राजौरी जिले के ढांगरी गांव में आतंकवादियों ने दो नाबालिगों सहित सात नागरिकों की हत्या कर दी थी।  इसी तरह, 9 जून 2024 को रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई।

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जो पाकिस्तानी आतंकवादी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं, वे उच्च प्रशिक्षित हैं और पहाड़ और जंगल युद्ध में विशेषज्ञता रखते हैं। ये आतंकी आधुनिक हथियारों से लैस हैं, जिनमें नाइट विजन उपकरणों से सुसज्जित यूएस-निर्मित एम 4 कार्बाइन राइफलें शामिल हैं। जम्मू क्षेत्र के घने जंगली इलाकों में प्राकृतिक गुफाएं भी हैं जिनका इस्तेमाल ये आतंकवादी छिपने के ठिकाने के रूप में करते हैं। आतंकवादी अपने स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के नेटवर्क को विकसित और सक्रिय कर रहे हैं। भारतीय सेना इसे पूरी तरह कुचलने के लिए प्रतिबद्ध है।

Web Title: 3,000 soldiers deployed in Jammu region to crush terror para-special forces sent

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे