नई दिल्ली: जिस मोहल्ला क्लीनिक का बखान कर केजरीवाल सरकार अपना सीना चौड़ा करती थी। आज उसी मोहल्ला क्लिनिक को लेकर केजरीवाल सरकार कटघरे में खड़ी है। दरअसल भाजपा और कांग्रेस का दावा है कि दिल्ली के एक मोहल्ला क्लिनिक के द्वारा प्रेसक्राइब की गई दवा का सेवन करने से 16 बच्चे बीमार पड़ गए, जिसमें से 3 बच्चों की मौत हो गई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक डेक्सट्रोमेथार्फन नामक कफ सिरप से बच्चों की मौत हुई है, जिसे दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की ओर से प्रेसक्राइब किया गया था। वहीं केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज ने मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को यह निर्देश दिया है कि सभी मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरीज में नोटिस जारी कर इस दवा के प्रेसक्रिप्शन पर रोक लगाई जाए।
इस घटना को लेकर विपक्षी दल भाजपा और बीजेपी दोनों पार्टियां आम आदमी पार्टी की सरकार को घेर रही हैं। भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि करीब चार महीने पहले हुई इन मौतों की जांच रिपोर्ट में सामने आई है कि उन बच्चों को डेक्सट्रोमेथार्फन सीरप दी गई थी, इसके विषाक्त होने से बच्चों की मौत हुई।
वहीं यूथ कांग्रेस के आधिकारी ट्विटर हैंडल से इस मामले में ट्वीट किया गया कि, बच्चों को उम्र के हिसाब से निर्धारित दवा नहीं दी गई, जिससे तीन बच्चों की जान चली गई। यह मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टरों की अक्षमता को दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तबीयत बिगड़ने से 16 बच्चे कलावती सरन अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। उनमें से तीन की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सीरप की जांच की। बता दें कि इस जांच में सीरप की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई है।