बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार (21 दिसंबर) को 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए कथित घोटाले के आरोप में सभी आरोपियों के सीबीआई विशेष अदालत से बरी होने जाने पर कहा है कि "भ्रष्ट कानूनी अधिकारियों ने पूरे मामले को बर्बाद कर दिया। ये अफसर अपने दायित्व को निभाने के प्रति गंभीर नहीं थे।" स्वामी ने दावा किया कि जिस तरह जेजे अस्पताल मामले में निचली अदालत से राहत पाने के बाद कांग्रेस की खुशी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काफुर हो गयी थी वैसा ही इस मामले में भी होगा। सीबीआई की विशेष अदालत ने डीएमके नेताओं कनिमोई और ए राजा समेत 14 व्यक्तियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। इस मामले में तीन निजी कंपनियां भी आरोपी थीं जो बरी हो गईं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने मीडिया से कहा, ये सेटबैक नहीं है, ये एक विचलन है क्योंकि कानूनी अफसर भ्रष्टाचार से लड़ने के प्रति गंभीर नहीं थे। पीएम को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई युद्ध स्तर पर शुरू करनी होगी।" स्वामी साल 2008 में सबसे पहले 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए कथित घोटाले का मामला उठाने वालों में थे। स्वामी ने सीबीआई की विशेष अदालत को "बुरा फैसला" कहा।
केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वो सीबीआई अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी। वहीं फैसला आने के बाद कांग्रेस ने कहा कि इससे साफ हो गया कि ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ था। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भारत के तत्कालीन कैग विनोद राय से माफी की भी मांग की। कैग ने अपने रिपोर्ट में 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन में करीब एक लाख 70 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जतायी थी। हालांकि सीबीआई ने 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का ही आरोप लगाया था जिसे अदालत ने बेबुनियाद पाया।