26/11 हमला : पुलिसकर्मियों ने याद किया कि कैसे पकड़ा गया था हमलावर कसाब

By भाषा | Published: November 26, 2020 09:07 PM2020-11-26T21:07:56+5:302020-11-26T21:07:56+5:30

26/11 attack: Policemen recall how the attacker Kasab was caught | 26/11 हमला : पुलिसकर्मियों ने याद किया कि कैसे पकड़ा गया था हमलावर कसाब

26/11 हमला : पुलिसकर्मियों ने याद किया कि कैसे पकड़ा गया था हमलावर कसाब

मुंबई, 26 नवंबर मुंबई में 26/11 को हुए आतंकवादी हमले के 12 साल गुजर गए हैं लेकिन उस दौरान देश की सुरक्षा और आतंकवादियों से मुकाबला करने वालों को यह कल की बात मालूम पड़ती है। उस दौरान आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने वाली टीम में शामिल भास्कर कदम ने स्मरण किया कि उसे कैसे पकड़ा गया।

घटना के वक्त 2008 में डी. बी. मार्ग थाने में विशेष अधिकारी के रूप में तैनात कदम याद करते हैं कि कैसे और किन परिस्थितियों में हमलावर कसाब को पकड़ा गया। यह गिरफ्तारी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे आतंकवादियों से लड़ने में महत्वपूर्ण साबित हुयी।

एक वेबचैनल के साथ साक्षात्कार में कदम ने बताया कि उस वक्त कसाब से पूछताछ में पता चला कि हमला कितना बड़ा है, उसमें कितने लोग शामिल हैं और कैसे हथियारों का उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण सूचना से सुरक्षा एजेंसियों को बहुत फायदा हुआ और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और मुंबई पुलिस के संयुक्त अभियान में सभी आतंकवादी मारे गए। वरना मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि हमलों में कितने लोग मारे गए होते।’’

कसाब और उसके साथियों की कार को पकड़ने के लिए गिरगांव चौपाटी पर नाकाबंदी करने वाली 16 सदस्यीय पुलिस टीम में कदम भी शामिल थे।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों द्वारा हाईजैक की गई कार चेकनाके से करीब 50 फुट की दूरी पर रूकी और वहां से गोलियां चलने लगीं।

कदम ने याद किया कि कैसे उस वक्त उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर निकाली और कार के ड्राइविंग सीट पर तीन गोलियां चलाई और एक आतंकवादी को मार गिराया।

कदम ने कहा, ‘‘दूसरी ओर से एएसआई तुकाराम ओमबाले के साथ आयी टीम ड्राइवर की साथ वाली सीट पर बैठे कसाब को पकड़ने भागी।’’

अधिकारी ने बताया कि ओमबाले ने जैसे ही कसाब को पकड़ा उसने अपनी एके-47 राइफल से गोलियां चलाई और उसने एएसआई के सीने पर वार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पुलिसकर्मी अपनी लाठियों की मदद से कसाब को पकड़ने में कामयाब रहे।’’

कदम ने कहा कि कसाब को जिंदा पकड़ने का फैसला इंस्पेक्टर संजय गोविल्कर का था। उनका मानना था कि वह आतंकवादियों और उनकी योजना के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण सूचना दे सकता है।

पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को गोलियां चलाईं और हमले किये। करीब 60 घंटे चले घटनाक्रम में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए।

हमले में आतंकवाद-विरोधी दस्ता (एटीएस) के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक कामते, वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर और एएसआई तुकाराम ओमबाले शहीद हो गए थे।

आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेराय ट्राइडेंट, ताज महल होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस, नरीमन लाइट हाउस सहित अन्य कई जगहों को निशाना बनाया था।

सुरक्षा बलों, एनएसजी ने संयुक्त अभियान में नौ आतंकवादियों को मार गिराया। हमले में जिंदा पकड़ा जाने वाला एकमात्र आतंकवादी कसाब था, जिसे चार साल बाद 21 नवंबर, 2012 को फांसी की सजा़ दे दी गई।

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Web Title: 26/11 attack: Policemen recall how the attacker Kasab was caught

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