बिहार में कोरोना से 221 मरे, इलाज के नाम पर खानापूर्ति, घाट पर खुले में जल रहे शव!

By एस पी सिन्हा | Published: July 24, 2020 09:49 PM2020-07-24T21:49:43+5:302020-07-24T21:49:43+5:30

सासाराम जिले का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें बिक्रमगंज में स्थित श्मशान में पीपीई किट में बंधे एक लाश को कुत्ते नोंच रहे हैं.

221 died from corona in Bihar dead bodies burning in the open on the ghat | बिहार में कोरोना से 221 मरे, इलाज के नाम पर खानापूर्ति, घाट पर खुले में जल रहे शव!

डॉक्टर और नर्स खुद इतने आतंकित हैं कि वो कोरोना मरीज के पास जाने को तैयार नहीं हैं.

Highlights बेतिया में फेसबुक पर कोरोना के इलाज में लापरवाही और बदइंतजामी की पोल खोलने वाले पीड़ित का निधन हो गया.लगातार अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के ईलाज में कोताही की ख़बरें आ रही हैं

बिहार में पिछले 24 घंटे के अंदर कोरोना से 9 लोगों की मौत हो गई है. राज्य सरकार की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक 221 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो चुकी है. इसके साथ ही राज्य की भयावह स्थिति के भी पोल खुलने लगे हैं. कोरोना संक्रमितों के मौत के बाद उन्हें इज्जत पूर्वक जलाने की भी व्यवस्था नही हो पा रही है. मजबूरन लोग किसी तरह अंत्येष्टी कर मुक्ति पाना चाहते हैं. राजधानी पटना के बांसघाट स्थित श्मशान घाट में कोरोना संक्रमितों का शव खुले में जलाने का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है. इससे संक्रमण के खतरे की आशंका जताई है.

बांसघाट के आसपास रहने वाले लोगों का आरोप है कि शव को जलाने के लिए पेट्रोल छिड़का जा रहा है. दरअसल, बांसघाट से गंगा की तरफ जाने वाले रास्ते के बगल में एक शेड को घेरकर कोरोना मरीजों का शव जलाया जाता है. आमतौर पर प्रशासन रात में शव जलाता था. लेकिन दोपहर को यहां तीन शव जलाए जा रहे थे. आरोप है कि इनपर पेट्रोल छिड़ककर जलाने की कोशिश की जा रही थी. इसे देख सड़क पर कई लोग रुक गए. काफी भीड़ जमा हो गई. कई लोग हंगामा करने लगे कि पेट्रोल छिड़ककर शव को जलाया जा रहा है. 

वहीं, एक अन्य वायरल वीडियो में शव के अंतिम संस्कार के लिए मनमाना पैसा वसूलने का आरोप लगाते हुए देखा जा रहा है. बांसघाट के सामने मोहल्ले के लोगों ने जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को पत्र लिखते हुए लाश कहीं अलग स्थान पर जलाने की मांग की है. इस तरह कोरोना संक्रमितों की अंत्येष्टी भी ढंग से सरकार नही करवा पा रही है.

सासाराम में बड़ी लापरवाही

वहीं, एक दूसरी घटना में सासाराम जिले का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें बिक्रमगंज में स्थित श्मशान में पीपीई किट में बंधे एक लाश को कुत्ते नोंच रहे हैं. वायरल वीडियो को देख आस-पास के लोगों में भय व्याप्त है. बताया जाता है कि बिक्रमगंज शहर के चित्रगुप्त नगर के एक 60 वर्षीय एक सख्स की मौत सोमवार की शाम में कोरोना से संक्रमित होकर हो गई थी. मृतक का शव का अंतिम संस्कार के लिए प्रशासनिक अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी के उपस्थिति में मंगलवार को दाहसंस्कार किया गया. 

दाह संस्कार के बाद परिजन और अफसर तो वहां से चले गए. लेकिन शव के अंतिम संस्कार करने के समय पहने गए पीपीई किट को श्मशान में ही छोड दिया. बुधवार को उक्त पीपीई किट को कुत्ते नोचते हुए दिखाई दिये. तब किसी स्थानीय निवासी ने विडियो बनाकर वायरल कर दिया. विडियो में श्मशान घाट पर एक कुत्ते को शव के छुटे कुछ अवशेष को खाते देखा जा सकता है. वीडियो के वायरल होते ही प्रशानिक महकमे में हड़कंप मच गया. इस संबंध में एसडीएम विजयंत ने कहा कि पीपीई किट के साथ शव का अवशेष नही थे. केवल पीपीई किट छुटा हुआ था. जिसे नष्ट करने का आदेश बीडीओ को दे दिया गया था. जिसे बाद में उसे नष्ट भी कर दिया गया है.

बेतिया में प्रशासन की पोल खोलने वाले की मौत

जबकि बिहार में तीसरी कड़वी सच्चाई यह सामने आई है कि बेतिया में फेसबुक पर कोरोना के इलाज में लापरवाही और बदइंतजामी की पोल खोलने वाले पीड़ित का निधन हो गया. मौत से पहले जारी किए गए वीडियो में पीड़ित ने साफ कहा था कि बेतिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड के डी25 में बदइंतजामी हदें पार कर गई हैं. जांच में कोरोना पॉजिटिव आनेवाले लोगों को होम क्वारंटाइन में भेंजा जा रहा है. जो लोग सरकारी अस्पतालों में जगह पा चुके हैं वो भी ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं. सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर ईलाज नहीं कर रहे हैं. ईलाज के अभाव में हर रोज दस दस लोगों की मौतें अस्पतालों में हो रही है. 

बेतिया में भर्ती यह मरीज होली मिशन स्कूल के प्राचार्य बताये जा रहे हैं. बीमार होने के बाद इन्होने अपना कोरोना टेस्ट कराया था. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ये अस्पताल में भर्ती हुए थे. अस्पताल तो पहुंच गए. इन्हें बेड भी मिल गया लेकिन दो दिनों तक कोई डॉक्टर देखने नहीं आया. इंजेक्शन लगाने को कोई नर्स तैयार नहीं थी. थक हारकर उन्होंने अपने मोबाइल से एक विडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट किया और मदद मांगी. लेकिन अब वो मदद के लिए बचे नहीं हैं. उनकी मौत हो चुकी है.

आइसोलेशन सेंटर में कुत्ते घुमते रहते हैं

उल्लेखनीय है कि लगातार अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के ईलाज में कोताही की ख़बरें आ रही हैं. डॉक्टर और नर्स खुद इतने आतंकित हैं कि वो कोरोना मरीज के पास जाने को तैयार नहीं हैं. उचित देखभाल की बात तो दूर उन्हें जरुरी ईलाज भी नहीं मिल पा रहा है. मृतक ने मौत से पहले जारी किए गए वीडियो में साफ कहा कि इस आइसोलेशन सेंटर में कुत्ते घुमते रहते हैं. डॉक्टरों का मरीजों पर कोई ध्यान नहीं है. इंजेक्शन से लेकर नेबुलाइजेशन तक के लिए 50 बार चिल्लाने पर कभी-कभार कोई आ जाता है. इस तरह से यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे एक कोरोना पीडित तडपते हुए मौत के आगोश में चले जा रहे हैं.

Web Title: 221 died from corona in Bihar dead bodies burning in the open on the ghat

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे