Punjab Election: 22 किसान संगठनों ने मिलकर बनाई सियासी पार्टी 'संयुक्त समाज मोर्चा', राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2021 20:58 IST2021-12-25T17:09:05+5:302021-12-25T20:58:17+5:30
पार्टी राज्य की सभी 117 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। बलबीर सिंह राजेवाल पार्टी के मुख्य चेहरा होंगे।

पंजाब के 22 अलग-अलग किसान संगठनों ने राजनितिक पार्टी का गठन किया है। इस पार्टी का नाम 'संयुक्त समाज मोर्चा' रखा गया है।
पंजाब के 22 अलग-अलग किसान संगठनों ने राजनितिक पार्टी का गठन किया है। इस पार्टी का नाम 'संयुक्त समाज मोर्चा' रखा गया है। आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में किसानों की यह पार्टी चुनावी ताल ठोकेगी। पार्टी राज्य की सभी 117 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। बलबीर सिंह राजेवाल पार्टी के मुख्य चेहरा होंगे।
बीते शुक्रवार मुल्लांपुर के गुरशरण कला भवन में 32 किसान जत्थेबंदियों की बैठक हुई थी। बैठक के बाद पांच किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने साफ कर दिया कि 32 किसान यूनियन किसान संघर्ष के लिए एकजुट हैं। वहीं राजनीति करना और चुनाव लड़ना प्रत्येक यूनियन का अधिकार है। इस बारे में सबके अलग-अलग विचार हो सकते हैं। 32 में से 22 किसान संगठनों ने राज्य के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
बता दें कि बलबीर सिंह राजेवाल निर्विवाद रूप से पंजाब के किसानों के बड़े नेता हैं और कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। किसान आंदोलन में पिछले एक साल से दिल्ली की सरहदों पर बैठकर केंद्र सरकार के साथ हर बातचीत में बलबीर सिंह राजेवाल शामिल रहे थे। इससे पहले उन्हें लेकर यह सियासी अफवाह फैल रही थी कि वे आम आदमी पार्टी से पंजाब चुनाव में सीएम का चेहरा हो सकते हैं।
राजेवाल भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक नेताओं में से एक रहे हैं। खन्ना और समराला में उनका दबदबा रहा है। उनके शुरू से ही राजनीति में आने के कयास लगते रहे हैं, लेकिन अब वह पूरी तरह से राजनीति में आ गए हैं। बलबीर सिंह राजेवाल मालवा कॉलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं।
वहीं इससे पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाई थी। चढ़ूनी गुट भी सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने कर चुके हैं। उन्होंने पंजाब इकाई का अध्यक्ष अरशपाल सिंह को नियुक्त किया था। चढ़ूनी ने पंजाब में अफीम की खेती को वैध करने की भी पैरवी की थी।