महाराष्ट्र के पांच अस्पतालों सहित देश में 21 अस्पतालों को मिली प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट की मंजूरी

By एसके गुप्ता | Updated: May 8, 2020 19:35 IST2020-05-08T19:32:59+5:302020-05-08T19:35:35+5:30

कोरोना उपचार में प्लाज्मा तकनीक को रामबाण माना जा रहा था लेकिन आईसीएमआर से इसके ट्रायल की अनुमति नहीं मिलने से इसका प्रयोग नहीं किया जा रहा था। 

21 hospitals in the country including five hospitals in Maharashtra got approval for plasma therapy treatment | महाराष्ट्र के पांच अस्पतालों सहित देश में 21 अस्पतालों को मिली प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट की मंजूरी

महाराष्ट्र के पांच अस्पतालों सहित देश में 21 अस्पतालों को मिली प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट की मंजूरी

Highlightsथेरेपी से जुड़े हर मरीज का डाटा आईसीएमआर को भेजा जाएगा।अब पहले चरण में दस राज्यों के 21 अस्पतालों को यह अनुमति दी गई है। 

कोरोना रोगियों के उपचार के लिए मेडिकल काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने देश के 21 अस्पतालों को प्लाज्मा थेरेपी के लिए क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दे दी है। इनमें से पांच अस्पताल महाराष्ट्र के हैं। कोरोना उपचार में प्लाज्मा तकनीक को रामबाण माना जा रहा था लेकिन आईसीएमआर से इसके ट्रायल की अनुमति नहीं मिलने से इसका प्रयोग नहीं किया जा रहा था। 

इस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाथ खडे करते हुए कहा था कि इसके परिणामों को लेकर कोई पुख्ता परिणाम नहीं हैं। ऐसा ट्रायल करने वाले राज्य खुद जिम्मेदार होंगे। जिसके बाद राज्यों ने इसके ट्रायल से हाथ खींच लिए थे। अब पहले चरण में दस राज्यों के 21 अस्पतालों को यह अनुमति दी गई है। 

जिसमें महाराष्ट्र से पांच, गुजरात से चार, मध्यप्रदेश से 2, राजस्थान से 2, उत्तर प्रदेश से 2, तमिलनाडु से 2, कर्नाटक, तेलंगाना, पंजाब और चंडीगढ़ के एक-एक अस्पताल शामिल हैं। लेकिन दिल्ली के एम्स सहित देश भर से 90 और अस्पताल हैं जिन्होंने इस ट्रायल के लिए अनुमति मांगी है। लेकिन उन्हें अभी अनुमति नहीं दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इस थेरेपी में कोरोना के ठीक हो चुके मरीजों के रक्त में से प्लाज्मा निकालकर उन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा जो फिलहाल अस्पतालों में हैं। प्लाज्मा दान देने वाले और प्लाज्मा दान लेने वाले दोनों मरीजों की सेहत पर सतत निगरानी रखी जाएगी। यह परीक्षण 6 महीने चलेगा। थेरेपी से जुड़े हर मरीज का डाटा आईसीएमआर को भेजा जाएगा।

प्लाज्मा थेरेपी :

शरीर पर किसी वायरस का हमला होने पर हमारा शरीर उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है। ये एंटीबॉडी वायरस से लड़कर उसे खत्म कर देती है। प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना को मात दे चुके लोगों के शरीर से प्लाज्मा के रूप में इन एंटीबॉडी को निकालकर अस्पताल में भर्ती मरीज के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। ये एंटीबॉडी उस मरीज के शरीर में मौजूद वायरस से लड़कर वायरस को खत्म कर देती है। जिस व्यक्ति को प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा है।

महाराष्ट्र के इन पांच अस्पतालों को मिली है अनुमति :

1.        बीजे गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज, पुणे
2.       पूना हॉस्पिटल ऑफ एंड रिसर्च सेंटर
3.       सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च मुंबई
4.       राजरश्री छत्रपति साहू महाराज गावर्मेंट मेडिकल कॉलेज, कोल्हापुर
5.       गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज , नागपुर

Web Title: 21 hospitals in the country including five hospitals in Maharashtra got approval for plasma therapy treatment

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