2016 मर्सिडीज हिट एंड रन केसः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोपी पर किशोर की तरह की जाएगी सुनवाई

By भाषा | Published: January 10, 2020 01:05 PM2020-01-10T13:05:38+5:302020-01-10T13:06:20+5:30

2016 मर्सिडीज हिट एंड रन केसः न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि जिस अपराध में सात साल की न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं होता हो, उसे जघन्य अपराध नहीं माना जा सकता।

2016 Mercedes hit-and-run case: Supreme Court says he will be tried as juvenile | 2016 मर्सिडीज हिट एंड रन केसः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोपी पर किशोर की तरह की जाएगी सुनवाई

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Highlightsउच्चतम न्यायालय ने कहा कि 2016 में मर्सिडीज कार चलाते समय एक व्यक्ति को कथित तौर पर कुचल देने वाले आरोपी की सुनवाई किशोर के रूप में की जाएगी।अपराध किशोर न्याय कानून के तहत ‘जघन्य अपराध’’ की श्रेणी में नहीं आता।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि 2016 में मर्सिडीज कार चलाते समय एक व्यक्ति को कथित तौर पर कुचल देने वाले आरोपी की सुनवाई किशोर के रूप में की जाएगी क्योंकि अपराध किशोर न्याय कानून के तहत ‘जघन्य अपराध’’ की श्रेणी में नहीं आता।  22-वर्षीय आरोपी घटना के समय नाबालिग था और चार दिन बाद ही बालिग होने वाला था। उसने अपने पिता की मर्सिडीज कार से सिद्धार्थ शर्मा को बुरी तरह से कुचल दिया था जब चार अप्रैल 2016 को शर्मा उत्तरी दिल्ली में एक स्कूल के पास सड़क पार करने की कोशिश कर रहे थे।

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि जिस अपराध में सात साल की न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं होता हो, उसे जघन्य अपराध नहीं माना जा सकता। न्यायालय ने कहा कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) कानून 2015 की योजना यह है कि बच्चों को संरक्षित किया जाना चाहिए और बच्चों को वयस्क मानना नियम का अपवाद है। 

आरोपी पर गैर इरादतन हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत आरोप लगाया गया था। इसके तहत आजीवन कारावास की अधिकतम सजा या 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। 

हालांकि, न्यूनतम सजा निर्धारित नहीं है। पीठ ने कहा कि इस मामले से जुड़े फैसले में किशोर के नाम का खुलासा किया गया है। यह 2015 के कानून की धारा 74 के प्रावधानों और अदालतों के विभिन्न निर्णयों के अुनरूप नहीं है। 

पीठ ने उच्च न्यायालय को अपने फैसले में सुधार करने और कानून का पालन करते हुए किशोर का नाम हटाने का निर्देश दिया। पीठ ने कानून एवं न्याय, महिला एवं बाल विकास, गृह मंत्रालयों के साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को भी इस फैसले की एक एक प्रति भेजने का निर्देश दिया जो सुनिश्चित करेंगे कि इस फैसले में उठाए गए मुद्दे को संसद या कार्यपालिका द्वारा यथाशीघ्र समाधान किया जाएगा और अध्यादेश जारी किया जा सकेगा।

Web Title: 2016 Mercedes hit-and-run case: Supreme Court says he will be tried as juvenile

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