70 मिनट, 21 बम ब्लास्ट, 56 मौतें, कुछ इस तरह मोदी राज में दहला था पूरा अहमदाबाद
By पल्लवी कुमारी | Published: July 26, 2018 07:05 AM2018-07-26T07:05:21+5:302018-07-26T07:05:21+5:30
इस हमले के पांच मिनट पहले गुजरात सरकार और देश के नामी मीडिया संस्थानों को मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन द्वारा मेल भेजा गया था। मेल में लिखा था, अल्लाह के नाम पर भारतीय मुजाहिदीन फिर से हमला कर रहे हैं, जो कुछ भी आप कर सकते हैं, अब से 5 मिनट के भीतर कर लीजिए। वरना मौत का आतंक महसूस करने के लिए तैयार हो जाए।
नई दिल्ली, 26 जुलाई: 26 जुलाई 2008 ये दिन गुजरात के अहमदाबाद वासी शायद ही कभी भूल पाएंगे। ये दिन उनके लिए काले दिन की तरह था। 26 जुलाई को आंतकवादी हमले का अहमदाबाद ने ऐसा नजारा देखा, जिसका मंजर आज भी उनके आंखों के सामने होगा। ये दिन अहमदाबाद के लोगों को याद दिलाता है अपनों को खोने का। आज (26 जुलाई 2018) को इस बम विस्फोट के 10 साल होने को है लेकिन अगर आप किसी अहमदाबाद के रहने वाले से इस दिन के बारे में पूछ लेंगे तो वह 2008 के उस दिन की दिल दहलाने वाले मंजर के बारे में बता देगा। तो आइए जानें क्या हुआ था इस दिन...
दो फेस में किए गए बम विस्फोट
26 जुलाई 2008 अहमदाबाद को 70 मिनट में एक बाद एक 21 बम धमाके हुए। इस आतंकी हमले में 56 लोगो की जान चली गई थी। यह बम ब्लास्ट शहर में दो फेस में किया गया था। सबसे पहले यह बम ब्लास्ट अहमदाबाद के सीटी मार्केट में हुआ था। जैसे ही हमले में घायलों को ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था तो उसी अस्तपताल के अंदर फिर से से एक बम बम ब्लास्ट हो गया।
56 लोगों की हुई मौत
इस बम हमले में 56 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस दिल दहलाने वाली वारदात ने पूरे शहर के पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया था। यह हमले जान-बूझकर भीड़-भाड़ वाले इलाके में कराए गए थे ताकि जिससे लोगों को भारी क्षति पहुंचे। ठीक इस घटना के बाद वैसा ही हुआ था।
ऐसे रची गई थी हमले की साजिश
इस बम ब्लास्ट को भारी साजिश के तहत अंजाम दिया गया था। इस बम को लोगों के लंच बॉक्स में सेट किया गया था। ताकि पुलिस या किसी को भी इस बात की कानों-कानों तक भनक भी ना लगे। इस बम को साइकल के टिफन कैरियर में प्लांट किया गया था। ज्यादातर बम ब्लास्ट के लिए सिटी बस को टारगेट किया गया था। दो बम ब्लास्ट हॉस्पिटल प्रीमिक्स के अंदर हुए थे। उसके 40 मिनट बाद जब जख्मी लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था तब हुआ था। उस ही दिन एक हटकेश्वर इलाके में डिफ्यूज किया गया था।
मुजाहिदीन संगठन ने मेल भेजकर ली आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी
इस घटना के बाद कई न्यूज चैनलों ने इस बात की जानकारी दी कि विस्फोट के पांच मिनट पहले उन्हें 14-पेज के ई-मेल मिला था। जिसमें सूचना दी गई थी , ''गुजरात के बदला लेने के लिए 5 मिनट का इंतजार करें।'' जिसमें साफ-साफ लिखा गया था कि ये 2002 दंगे का बदला है। यह मेल इंडियन मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन द्वारा भेजा गया था। जिसका समय 6 बजकर 41 मिनट IST था। मेल में यह भी लिखा गया था कि अल्लाह के नाम पर भारतीय मुजाहिदीन फिर से हमला करने जा रहे हैं। जो कुछ भी आप कर सकते हैं, अब से 5 मिनट के भीतर कर लीजिए। वरना मौत का आतंक महसूस करने के लिए तैयार हो जाए।
ब्लास्ट के बाद भी दो जिंदा बम हुए बरामद
ब्लास्ट के एक दिन बाद दो जिंदा बम मनी-नगर से डिफ्यूज किए गए थे। वहीं उस समय के सीएम नरेन्द्र मोदी की विधानसभा क्षेत्र से भी दो जिंदा बम मंबरामद किए गए थे। जिसके बाद तत्कालीन मु्ख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की काफी ज्यादा आलोचना हुई थी।
गुजरात पुलिस ने पकड़े अब तक 70 आरोपी
गुजरात पुलिस ने इस मामले में अब तक 70 आरोपी को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार कर चुके हैं। जबकि 16 आरोपी जिसमें मुख्य आरोपी अब भी भगोड़ा है। इसे पहले आठ साल से भगोड़े ऐसे आरोपी आलम जेब आफरीदी, जो अहमदाबाद ब्लास्ट मामले का मुख्य आरोपी है, उसे गुजरात एटीएस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। वहीं, गुजरात एटीएस बम ब्लास्ट के आरोपी नासिर रंगरेज को कर्नाटक से 2016 में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद सितम्बर 2017 में बिहार पुलिस ने अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपी तौसीफ खान को उसके दो और साथियों के साथ गिरफ्तार किया।
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