उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के मोरी में बादल फटने से 17 लोगों की मौत, 22 लापता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 19, 2019 10:21 AM2019-08-19T10:21:24+5:302019-08-19T10:45:48+5:30
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई जगह भूस्खलन होने से यातायात अवरूद्ध है। कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग भी भूस्खलन का मलबा आ जाने के कारण प्रभावित हुआ है और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगह पर ले जाया जा रहा है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के मोरी में बादल फटने से 17 लोगों की मौत हुई है। रविवार को उत्तराखंड के अधिकतर स्थानों पर पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने तथा भूस्खलन होने से 22 लोग लापता हो गये ।
उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि में बादल फटने से यमुना की सहायक नदियों में आयी बाढ़ ने कई गांवों में तबाही मचायी, जिससे आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गये ।
यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, माकुडी गांव से एक महिला का शव बरामद हुआ है जबकि सात अन्य अभी लापता हैं । एक अन्य शव सनेल गांव में बरामद हुआ है और वहां पांच अन्य अभी लापता बताये जा रहे हैं । दस अन्य व्यक्ति टिकोची गांव में लापता बताये जा रहे हैं । टिहरी जिले के रखवान गांव में भारी वर्षा के चलते गिरे पेड के नीचे दबकर एक महिला की मौत हो गयी।
उत्तरकाशी जिले के प्रभावित गांवों में एक स्कूल सहित करीब 16 भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं। आराकोट-चिंवा-बालचा मार्ग पर टिकोची बाजार के पास 24 मीटर का पुल और टिकोची-किराणु-दुचाणु मार्ग पर 36 मीटर का पुल भी बादल फटने से क्षतिग्रस्त हो गये।
त्यूनी-आराकोट राष्ट्रीय राजमार्ग भी दो-तीन स्थानों पर भूस्खलन का मलबा आने के कारण बंद है। आराकोट के आसपास के क्षेत्र में विद्युत लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण करीब 38 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गयी है।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि मौके पर पहुंचने के लिये हेलीकॉप्टरों की सेवाएं लेने का प्रयास किया गया लेकिन खराब मौसम के कारण यह संभव नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने राहत कार्यों के लिये शिमला एवं देहरादून के जिलाधिकारियों से सहयोग मांगा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), पुलिस एवं आईटीबीपी तथा रेड क्रॉस की टीमें मौके के लिये भेज दी गयी हैं लेकिन लगातार भारी बारिश के कारण बचाव और राहत कार्यों में बाधा पड़ रही है।
लगातार बारिश तथा मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए जिलाधिकारी चौहान ने कक्षा एक से 12 तक के सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में 19 अगस्त को अवकाश घोषित कर दिया है।
देहरादून के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भी सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। चौहान ने अधिकारियों को अर्लट मोड पर रहने के निर्देश देते हुए तहसील स्तर पर लाईट, सैटेलाईट फोन एवं आपदा उपकरणों को चालू हालात में रखने को कहा है ताकि आपात स्थिति में इनका उपयोग किया जा सके।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अपने क्षेत्र की नदियों तथा बरसाती गाड़-गदेरों पर भी विशेष नजर बनाये रखने को कहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उत्तरकाशी के आराकोट एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश और आपदा के प्रभावितों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
चारधाम यात्रा मार्ग पर भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने से यात्रा अवरूद्ध हो गयी है। केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी पर बना एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। ऋषिकेश-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग रूद्रप्रयाग जिले में बांसवाडा और सिरोबगड में भूस्खलन का मलबा आने से यातायात रूक गया है।