महात्मा गांधी की 150वीं जयंती: सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संतोष हेगड़े ने कहा-अगर जिंदा होते गांधी तो बहुत निराश होते

By भाषा | Updated: October 1, 2019 18:46 IST2019-10-01T18:46:49+5:302019-10-01T18:46:49+5:30

राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के अवसर पर अपने विचारों को साझा करते हुए कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त हेगड़े कहते हैं, ‘‘आज, हालात यह हैं कि मौजूदा दौर की राजनीति में कोई शर्म लिहाज बचा नहीं है, सचाई का कोई मोल नहीं रह गया है।’’

150th Birth Anniversary of Mahatma Gandhi: Retired Supreme Court Judge Santosh Hegde said - If Gandhi was alive, he would have been very disappointed | महात्मा गांधी की 150वीं जयंती: सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संतोष हेगड़े ने कहा-अगर जिंदा होते गांधी तो बहुत निराश होते

हेगड़े कहते हैं, ‘‘ हम सूचना को बहुत महत्व देते हैं और अपने युवाओं को बौद्धिक रूप से बेहद प्रखर बनाना चाहते हैं

Highlightsसंतोष हेगड़े ने गांधी के बारे में ये विचार व्यक्त किए हैं।

महात्मा गांधी अगर आज जिंदा होते तो प्रशासनिक और राजनीतिक मोर्चो पर विमर्श का गिरता स्तर और सत्ता तथा धन के लिए अंधी दौड़ देखकर उन्हें सबसे अधिक निराशा होती । उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संतोष हेगड़े ने गांधी के बारे में ये विचार व्यक्त किए हैं।

भारत के पूर्व सोलीसिटर जनरल 79 वर्षीय सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस बात पर भी अफसोस जाहिर करते हैं कि पूरा समाज और खासतौर से प्रमुख पदों पर बैठे लोगों ने गांधी के मूल्यों को भुला दिया है। राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के अवसर पर अपने विचारों को साझा करते हुए कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त हेगड़े कहते हैं, ‘‘आज, हालात यह हैं कि मौजूदा दौर की राजनीति में कोई शर्म लिहाज बचा नहीं है, सचाई का कोई मोल नहीं रह गया है।’’

उन्होंने कहा,‘‘मैं आजकल एकदम यही सब देख रहा हूं...आप अपने विरोधियों की आलोचना किस प्रकार करते हैं, आपके विचारों से सहमति नहीं रखने वाले लोगों से किस प्रकार का व्यवहार करते हैं । ये सभी बातें महात्मा गांधी की नीतियों के पूरी तरह खिलाफ हैं।’’ वह कहते हैं, गांधी एक ऐसे इंसान थे जिन्होंने अपने विरोधियों का भी सम्मान किया । आज हमें यह सब नजर नहीं आता।

उनके अनुसार, गांधी अगर जिंदा होते तो खासतौर से राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में विमर्श का गिरता स्तर देख कर वह सबसे निराश लोगों में से एक होते। उनका कहना है कि शैक्षणिक पाठ्यक्रम में महात्मा गांधी के विचारों को शामिल किया जाना चाहिए।

हेगड़े कहते हैं, ‘‘ हम सूचना को बहुत महत्व देते हैं और अपने युवाओं को बौद्धिक रूप से बेहद प्रखर बनाना चाहते हैं लेकिन इस बौद्धिक प्रखरता का आधार महात्मा गांधी के मूल्य होने चाहिए जिन्हें उन्होंने आगे बढ़ाया और अपने व्यवहार में भी उन्हें अपनाया।’’ वह मानते हैं कि रोजमर्रा के जीवन में प्रशासनिक और राजनीतिक क्रियाकलापों की बहुत बड़ी भूमिका है और ये एक प्रकार से हमारी सोच को बदल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रशासनिक और राजनीति के क्षेत्र में आज जो घमासान मचा हुआ है, वह सत्ता और धन हासिल करने की एक अंधी दौड़ पैदा कर रहा है।’’ हेगड़े ने कहा, ‘‘गांधी जी इसी के खिलाफ थे।’’

Web Title: 150th Birth Anniversary of Mahatma Gandhi: Retired Supreme Court Judge Santosh Hegde said - If Gandhi was alive, he would have been very disappointed

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