उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से बहुत पहले 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की जानी चाहिए थी :सिसोदिया

By भाषा | Published: June 17, 2021 06:23 PM2021-06-17T18:23:35+5:302021-06-17T18:23:35+5:30

12th board exam should have been canceled long before Supreme Court's intervention: Sisodia | उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से बहुत पहले 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की जानी चाहिए थी :सिसोदिया

उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से बहुत पहले 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की जानी चाहिए थी :सिसोदिया

नयी दिल्ली, 17 जून दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप करने का इंतजार करने के बजाय बहुत पहले ही 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला ले लेना चाहिए था।

दिल्ली के शिक्षामंत्री का प्रभार भी संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि वह प्रसन्न हैं कि 10वीं, 11वीं और प्री बोर्ड की परीक्षा के आधार पर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने के उनके सुझाव पर संज्ञान लिया गया।

गौरतलब है कि सीबीएसई ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह 12वीं कक्षा के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के लिए 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के नतीजों के आधार पर क्रमश: 30:30:40 का फॉर्मूला अपनाएगा।

सीबीएसई ने अदालत को अपनी मूल्यांकन प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 12वीं के विद्यार्थियों का मूल्यांकन में 30 प्रतिशत अंक 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के आधार पर, 30 प्रतिशत 11वीं कक्षा के अंक के आधार पर और 40 प्रतिशत अंक 12वीं कक्षा की अर्धवार्षिक परीक्षा या प्री बोर्ड परीक्षा के आधार पर दिए जाएंगे। सीबीएसई ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की वजह से एक जून को 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी।

सिसोदिया ने एक बयान में कहा, ‘‘ 12वीं कक्षा के 1.5 करोड़ विद्यार्थियों की सुरक्षा और संरक्षा को देखते हुए बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला स्वागत योग्य है। मूल्यांकन मानदंड के बारे में हमने सुझाव दिया था जिसमें 10वीं,11वीं और 12वीं कक्षा के प्रदर्शन पर गौर करने का कहा गया था, उसपर संज्ञान लिया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें बहुत पहले बोर्ड परीक्षा को रद्द करने पर विचार करना चाहिए था,बजाय कि मामले में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप का इंतजार किया जाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप करना पड़ा और बोर्ड परीक्षा रद्द करने के लिए प्रदर्शन करना पड़ा। अगर हमारी केंद्र सरकार ने अधिक मानवीय रुख अपनाया होता और विद्यार्थियों के अनुरोध को सुना होता तो हम स्थिति का और बेहतर प्रबंधन कर सकते थे। खैर, हम खुश हैं कि यह फैसला अंतत: विद्यार्थियों के हित में लिया गया।’’

उन्होंने जोर दिया कि वर्ष 2022 के लिए इसी तरह की या बेहतर मूल्यांकन प्रणाली की जरूरत है। सिसोदिया ने कहा, ‘‘हमने अभूतपूर्व परिस्थितियों के मद्देनजर इस साल विस्तृत मूल्यांकन प्रक्रिया बोर्ड परीक्षा के लिए बनाई है। इसी तरह हमें अगले साल भी विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए मानदंड विकसित करना होगा। हम नहीं मानते कि शीघ्र ही हालात सामान्य होंगे।

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Web Title: 12th board exam should have been canceled long before Supreme Court's intervention: Sisodia

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