नई दिल्ली: विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया। शनिवार (29 जनवरी) को हुए बीटिंग द रीट्रीट सरेमनी में सेनाओं के बैंड्स की धुनों ने देखने वालों के रोम रोम में देशभक्ति का भाव भर दिया। इस बार का यह समारोह भी अपने आप में ऐतिहासिक रहा।
इस बार बीटिंग द रीट्रीट समारोह में 1000 मेड इन इंडिया ड्रोन्स ने आकाश में जगमगाते हुए दिखाई दिए। इसके साथ लेजर प्रोजेक्शन के माध्यम से भारतीय स्वंतत्रता संग्राम की यात्रा को बताया गया। इन सभी ड्रोन को सॉफ्टवेयर जैसे फ्लाइट कंट्रोलर, जीपीएस, मोटर नियंत्रक, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) एल्गोरिदम जैसी तकनीकि चीजों से लैस किया गया है।
वहीं इस बार बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान लेजर प्रोजेक्शन के माध्यम से दिल्ली के विजय चौक में भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद की यात्रा को बताया गया।
बीटिंग द रीट्रीट रिपब्लिक डे सेलीब्रेशन का हिस्सा होता है। दरअसल गणतंत्र दिवस का सेलीब्रेशन एक दिन का नहीं, बल्कि चार दिनों का होता है। गणतंत्र दिवस के आखिरी दिन बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही आधिकारिक रूप से गणतंत्र दिवस के आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन होता है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है।
बीटिंग रिट्रीट ब्रिटेन की बहुत पुरानी परंपरा है, इसका असली नाम ‘वॉच सेटिंग’ है और यह सूर्य डूबने के समय मनाया जाता है, भारत में बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत सन 1950 से हुई।