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Republic Day 2023: यह है तिरंगे से जुड़े 10 रोचक तथ्य, जानें क्या है राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास-महत्व और इससे जुड़ी सब जानकारियां

By आजाद खान | Published: January 23, 2023 2:21 PM

आपको बता दें कि भारत का पहला राष्ट्रीय धव्ज 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर में फहराया गया था। भारत का तिरंगा तीन रंग का होता है और इन रंगों का अलग ही महत्व होता है।

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ठळक मुद्देभारत का तिरंगा तीन रंग का होता है। इसमें पहला और दूसरा रंग केसरी और सफेद होता है।वहीं सबसे आखिरी में हरा रंग होता है जो इसके भूमि की उर्वरता, वृद्धि और शुभता को दर्शाता है।

नई दिल्ली:भारत का पहला राष्ट्रीय धव्ज 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर में फहराया गया था। ऐसे में उस समय जब यह फहराया गया था, तिरंगे का रंग लाल, पीला और हरा था। इसके बाद इसका पहला संस्करण 1921 में पिंगली वेंकय्या द्वारा डिजाइन किया गया था और इसमें केवल दो ही रंग थे। इस तिरंगे का रंग लाल और हरा था। 

ऐसे में भारत द्वारा 1931 में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूम में अपनाया गया था और इसके लिए ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया था। वहीं अगर बात करेंगे की इसे आधिकारिक तौर कब अपनाया गया था तो इसे 22 जुलाई, 1947 को अपना लिया गया था। ऐसे में तिरंगे को सबसे पहले 15 अगस्त, 1947 को फहराया गया था और तब से लेकर आज तक यह फहराया जाता है। 

तिरंगे की जानकारी

आपको बता दें कि तिरंगे में तीन रंग होते है। इस तीन रंग का अपना अलग-अलग महत्व होता है। ऐसे में तिंरगे के सबसे ऊपर केसरिया रंग होता है जो देश की ताकत और साहस को दर्शाता है। इसके बाद बीच में सफेद रंग होता है जो भारत शांति और सच्चाई का प्रतीक को दर्शाता है। वहीं इसके बाद सबसे आखिरी में हरा रंग होता है जो भूमि की उर्वरता, वृद्धि और शुभता को दर्शाता है। इन सब के साथ तिरंगे के बीच में अशोक चक्र भी होता है जिसमें 24 तीलियां होती है। तिरंगे में यह अशोक चक्र जो यह बताता है कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है।

पहले आप कबी भी नहीं फहरा सकते थे तिरंगा

वहीं इससे पहले भारतीयों को कुछ चुनिंदा अवसरों को छोड़कर ही तिरंगे को फहराने की इजाजत थी। लेकिन बाद में उद्योगपति नवीन जिंदल ने इसे लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी थी जिसके बाद 23 जनवरी, 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने इसे तिरंगा फहराने की इजाजत दे दी थी। इस फैसले में कोर्ट ने कहा था कि हर भारतीय को सम्मान के साथ स्वतंत्र रूप में तिरंगे को फहराना उनका मौलिक अधिकार है। 

तिरंगे से जुड़े 10 रोचक तथ्य

पिछले साल भारत ने 75वां स्वतंत्रता दिवस पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया था, इसका मतलब यह हुआ है कि भारत को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए है। इस अवसर पर इस महोत्सव का आयोजन किया गया था। ऐसे में इस महोत्सव को ध्यान में रखते हुए पिछले साल 2 अगस्त से हर घर तिरंगा अभियान भी चलाया गया था। 

इस अभियान का समर्थन करते हुए पीएम मोदी और अमित शाह के अलावा कई और नेताओं ने देशवासियों को अपने घरों में तिंरगा फहराने की अपील की थी। ऐसे में लोगों ने अपने घरों में तिरंगो को फहराया भी था और पीएम मोदी के अपील करने व उनके द्वारा उनका प्रोफाइल पिक्चर बदलने को लेकर लोगों ने अपने सोशल मीडिया के प्रोफाइल पिक्चर को भी बदल दिया था। 

ऐसे में आइए जानते है कि भारत के राष्ट्रीय धव्ज के बारे में वह सब बातें जो हमारे तिरंगे को और भी रोचक और खास बनाता है। 

1. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को दिल्ली के लाल किले के लाहौरी गेट से राष्ट्रीय ध्वज को फहराया था।2. देश में कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ एकमात्र ऐसी इकाई है जिसे भारत के ध्वज की आपूर्ति और निर्माण के लिए मान्यता प्राप्त है।3. ऐसे में हर राष्ट्रीय ध्वज की चौड़ाई से लंबाई का अनुपात 2:3 ही होना चाहिए।4. जब कभी भी तिरंगा फहराया जाए तो उसे एक सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। ऐसे में इसे वहां लगाया जाए जहां से यह साफ से दिखाई मिले। 5. यही नहीं तिरंगे को हमेशा स्फूर्ति से और धीरे-धीरे करके ही फहराया जाए। जब इसे फहराया जाए तो उस समय बिगुल भी बजाया जाए। 6. जब तिरंगे को किसी अधिकारी के गाड़ी में लगाया जाए तो इसे सम्मानपूर्वक लगाया जाए और इसे सामने की ओर बीचो-बीच या फिर कार के दाईं ओर लगाना चाहिए। 7. यही फटे और मैले तिरंगे को नहीं फहराया जाता है। ऐसा होना पर उसे सम्मान के साथ नष्ट करना चाहिए। 8. कभी भी तिंरगा झुका नहीं होना चाहिए, यह केवल राष्ट्रीय शोक पर ही झुकता है। 9. तिरंगे के साथ कोई दूसरा झंडा या पताका नहीं लहराना चाहिए। 10. यही नहीं तिरंगे के ऊपर और कोई झंडा और पताका नहीं लगाना चाहिए और न ही इसके बराबर में रखना चाहिए। 

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