टोक्यो ओलंपिकः पुरुष टीम ने 41 साल बाद रचा इतिहास, महिला हॉकी की बारी, कल मैच में कांस्य जीत बेटियां करेगी कमाल, ब्रिटेन से टक्कर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 5, 2021 16:19 IST2021-08-05T16:18:25+5:302021-08-05T16:19:58+5:30

Tokyo Olympics:पुरुष टीम ने गुरुवार को कांस्य पदक के प्ले-ऑफ मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद ओलंपिक पदक हासिल कर इतिहास रच दिया।

Tokyo Olympics India men's hockey team ends 41-year medal Bronze women's match tomorrow | टोक्यो ओलंपिकः पुरुष टीम ने 41 साल बाद रचा इतिहास, महिला हॉकी की बारी, कल मैच में कांस्य जीत बेटियां करेगी कमाल, ब्रिटेन से टक्कर

अर्जेंटीना के खिलाफ हार के बावजूद भारत के मुख्य कोच सोर्ड मारिन अगले मैच पर ध्यान लगा रहे हैं।

Highlightsमहिला हॉकी टीम ओलंपिक में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद शुक्रवार को देश की खुशी दोहरी करना चाहेगी।पूल चरण में गत चैम्पियन ग्रेट ब्रिटेन से 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी।ग्रेट ब्रिटेन की टीम अपने स्वर्ण पदक के प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकी थी।

Tokyo Olympics: सभी उम्मीदों को पूरा करने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम अब शुक्रवार को यहां ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में ओलंपिक में पहली बार शीर्ष तीन में स्थान बनाकर और आगे बढ़ना चाहेगी।

पुरुष टीम ने गुरुवार को कांस्य पदक के प्ले-ऑफ मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद ओलंपिक पदक हासिल कर इतिहास रच दिया। भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद शुक्रवार को देश की खुशी दोहरी करना चाहेगी।

लेकिन भारतीय टीम के लिये यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें पूल चरण में गत चैम्पियन ग्रेट ब्रिटेन से 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी। पांच साल पहले रियो में ग्रेट ब्रिटेन की टीम अपने स्वर्ण पदक के प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकी थी जिससे वह यहां कम से कम पोडियम स्थान से अपना अभियान खत्म करना चाहेगी।

लेकिन भारतीय टीम इस चीज से राहत ले सकती है कि पूल चरण के मैच का नतीजा कुछ भी रहा हो लेकिन ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ मुकाबला करीबी रहा था। उस मैच में भारत ने काफी मौके गंवाये थे और अगर फिनिशिंग बेहतर हुई होती तो नतीजा कुछ और हो सकता था।

दोनों टीमों के बीच अंतर यही था कि भारत के पास काफी बेहतर मौके रहे थे लेकिन ग्रेट ब्रिटेन ने मिले मौकों का फायदा उठाया। उस मैच में भारत को आठ पेनल्टी कार्नर मिले थे और टीम सिर्फ एक पर ही गोल कर सकी। ग्रेट ब्रिटेन को भी छह पेनल्टी कार्नर में से सिर्फ एक में ही सफलता मिली थी।

लेकिन वह सेमीफाइनल में दुनिया की दूसरे नंबर की टीम अर्जेंटीना के खिलाफ प्रदर्शन से प्रेरणा लेगी, हालांकि इसमें उन्हें 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन से अर्जेंटीना को चुनौती दी, पर महत्वपूर्ण मौकों पर पेनल्टी कार्नर गंवाना महंगा साबित हुआ।

भारत के लिये गंवाने को कुछ नहीं है तो दुनिया की सातवें नंबर की टीम दुनिया की चौथे नंबर की ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ बिना किसी दबाव के सर्वश्रेष्ठ करना चाहेगी। भारतीय टीम पर कोई दबाव नहीं है क्योंकि वह पहले ही तीन बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर अविश्वसनीय प्रदर्शन कर चुकी है।

भारत का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 मॉस्को ओलंपिक में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। ओलंपिक के उस चरण में महिला हॉकी का पदार्पण हुआ था और तब यह राउंड रोबिन के आधार पर खेला गया था।

अर्जेंटीना के खिलाफ हार के बावजूद भारत के मुख्य कोच सोर्ड मारिन अगले मैच पर ध्यान लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम यहां पदक जीतने के लिये आये थे और एक पदक अब भी दांव पर है। यह हार से उबरने की बात है। अच्छी चीज है कि हमने हार के बाद वापसी करना सीख लिया है। इस तरह के मैचों में मौकों का फायदा उठाना अहम होता है।’ 

Web Title: Tokyo Olympics India men's hockey team ends 41-year medal Bronze women's match tomorrow

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