चोट ने बताया, हॉकी से अलग भी एक दुनिया है: पीआर श्रीजेश

By IANS | Published: February 15, 2018 05:28 PM2018-02-15T17:28:03+5:302018-02-15T17:28:40+5:30

विश्व के बेहतरीन गोलकीपरों में शुमार श्रीजेश ने कहा कि चोट के बाद जब वह स्वस्थ होने की प्रक्रिया में थे।

PR Sreejesh, back after eight months, with a fresh perspective | चोट ने बताया, हॉकी से अलग भी एक दुनिया है: पीआर श्रीजेश

चोट ने बताया, हॉकी से अलग भी एक दुनिया है: पीआर श्रीजेश

घुटने की चोट के कारण तकरीबन आठ महीने बाद एस्ट्रोटर्फ पर वापसी करने को तैयार भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश ने गुरुवार को कहा है कि चोट से उबरने के दौरान उन्हें बाहर की दुनिया देखने को मिली और इससे उन्होंने काफी कुछ सीखा। 

विश्व के बेहतरीन गोलकीपरों में शुमार श्रीजेश ने कहा कि चोट के बाद जब वह स्वस्थ होने की प्रक्रिया में थे, उस दौरान उन्हें पता चला की हॉकी के बाहर भी एक दुनिया है। 

ओडिशा सरकार ने गुरुवार को हॉकी इंडिया के साथ पांच साल का करार किया। इसकी घोषणा पर भारत की महिला एवं पुरुष टीमें मौजूद थी। कार्यक्रम से इतर आईएएनएस से बात करते हुए श्रीजेश ने कहा कि चोट के दौरान उन्होंने काफी कुछ सीखा।

श्रीजेश ने कहा, "चोट एक तरह से अच्छी है क्योंकि जब तक आपको चोट नहीं लगती तब तक आप सिर्फ हॉकी के बारे में सोचते हैं और जिंदगी के बारे में सोचते भी नहीं हैं। आपको पता नहीं होता की हॉकी छोड़ने के बाद क्या करोगे। तो मेरे लिए यह निश्चित तौर पर सीखने का वक्त था। चोट के बाद मैंने काफी काम किया और तब मुझे महसूस हुआ कि मैं किसी का पति भी हूं और किसी का पिता भी।"

कई मौकों पर भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके श्रीजेश ने कहा, "मैंने इस दौरान अपने परिवार के साथ काफी वक्त बिताया। इस दौरान मुझे चोट के बारे में भी काफी कुछ पता चला। जब आपको चोट लगती है तो आप फिर से शुरुआत करते हो। आपको चलना, बैठना, सीखना पड़ता है। मेरे लिए यह मुश्किल समय था लेकिन हॉकी के प्रति प्यार ने इस मुश्किल समय से लड़ने में मेरी मदद की और आज मैं एक बार फिर अपनी टीम के साथ हूं।"

श्रीजेश ने कहा कि उन्होंने चोट से उबरने के दौरान न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर मजबूत होने के लिए काफी मेहनत की है क्योंकि उन्हें पता था कि उनका आगे का करियर काफी अलग होने वाला क्योंकि चोट के बाद किसी भी खिलाड़ी के लिए चुनौतियां बढ़ जाती हैं।

भारतीय हॉकी टीम के सबसे हंसमुख लेकिन शर्मिले खिलाड़ियों में एक श्रीजेश ने कहा, "मैंने शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी मेहनत की है। अब मुझे लगता है कि मैं पूरी तरह से फिट हूं। हां मुझे अब थोड़ा आत्मविश्वास पाने की जरूरत है। मैं पहले से और बेहतर होना चाहता हूं। दो महीने राष्ट्रमंडल खेलों को बचे हैं और तब तक मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं।"

भारत को इस साल कई बड़े टूर्नामेंट खेलने हैं ऐसे में टीम किस तरह से अपनी फिटनस के स्तर को बनाए रखेगी इस पर श्रीजेश ने कह, "हर मैच के लिए टीम की फिटनेस अहम है। तो आप ऐसा नहीं बोल सकते की राष्ट्रमंडल खेलों के लिए 50 फीसदी फिट हो जाओ तो विश्व कप के लिए 100 फीसदी। आपके लिए हर मैच अहम है। साथ ही हमारे लिए यह अहम है कि हमें अपनी फिटनेस को बनाए रखना है और अपनी उर्जा को बनाए रखना है। टीम का संतुलन कोचिंग स्टाफ काम करेगा।"

इस साल भारत को सुल्तान अजलान शाह कप, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और साल के अंत में विश्व कप में हिस्सा लेना है। इतने बड़े टूर्नामेंट्स में खेलने को लेकर मानसिक दबाव पर पूछे गए सवाल पर गोलकीपर ने कहा, "मानसिक दबाव हर मैच में होता है, लेकिन मैदान के अंदर दबाव नहीं होना चाहिए। अनुभवी खिलाड़ियों को पता है कि इस दबाव को किस तरह से काबू करना है।"

श्रीजेश की गैरमौजूदगी में भारत ने कुछ अच्छे गोलकीपर खोजे, जिनमें से एक आकाश चिकते एक नाम हैं। टीम में अपनी जगह और स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा पर श्रीजेश ने कहा, "कोई भी एक स्थान पर नहीं रह सकता। कभी न कभी किसी को जगह छोड़कर दूसरे को देनी पड़ती है। मुझे अच्छ लगता है कि कोई मुझसे अच्छा कर रहा है और आने वाले दिनों में वह टीम में आएगा। और जब टीम की बात आती है तो जो पदक दिला सके उसे खेलना चाहिए, इसमें श्रीजेश हो या कोई और फर्क नहीं पड़ना चाहिए।"

Web Title: PR Sreejesh, back after eight months, with a fresh perspective

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