मिशन 2020 ओलंपिक: भारतीय महिला हॉकी टीम की तैयारी, मसालेदार खाना, मिठाई, चॉकलेट से बनाई दूरी
By भाषा | Published: July 24, 2019 09:17 AM2019-07-24T09:17:45+5:302019-07-24T09:17:45+5:30
Indian women's hockey team: 2020 तोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम ने मसालेदार खान, मिठाई और चॉकलेट से दूरी बना ली है
नई दिल्ली, 24 जुलाई: किसी ने अपने पसंदीदा ‘राजमा चावल’ खाना छोड़ दिये तो किसी ने मसालेदार खाने से तौबा कर ली है और मिठाई, चॉकलेट की तरफ तो अब ये देखती भी नहीं है। यह किसी बालीवुड अभिनेत्री का नहीं, बल्कि ‘मिशन तोक्यो ओलंपिक’ के लिये अपनी फिटनेस पर जोर दे रही भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ियों का ‘डायट प्लान’ है।
पिछले दो साल से शानदार प्रदर्शन कर रही भारतीय महिला हॉकी टीम नवंबर में होने वाले ओलंपिक क्वॉलिफायर के जरिये तोक्यो ओलंपिक 2020 का टिकट कटाने के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। कप्तान रानी रामपाल का दावा है कि यह अब तक की सबसे फिट महिला हॉकी टीम है और सभी खिलाड़ी वैज्ञानिक सलाहकार वेन लोंबार्ड का ‘डाइट प्लान’ का ईमानदारी से अनुसरण कर रहे हैं।
पिछले महीने हिरोशिमा में एफआईएच हॉकी सीरीज फाइनल्स में खिताबी जीत के साथ प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहीं कप्तान रानी रामपाल ने बेंगलुरु से दिये इंटरव्यू में कहा, 'मैं कह सकती हूं कि यह सबसे फिट महिला हॉकी टीम है। वेन लोंबार्ड ने हर खिलाड़ी और पूरी टीम की फिटनेस पर काफी काम किया है। हम सभी उनके डायट प्लान पर चल रहे हैं क्योंकि हमें ओलंपिक खेलना ही नहीं, पदक जीतना है।’’
ओलंपिक के लिए मसालेदार, मिठाई, चॉकलेट से किया तौबा
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कार्बोहाइड्रेट, मसालेदार, तैलीय खाना, मिठाई, चाकलेट सब छोड़ दिया है। जापान से जीतकर आने के बाद मैने उन्हें मनाकर एक दिन मां के हाथ का बना राजमा चावला खा लिया था लेकिन हमारी रोजाना की डायट में यह सब शामिल नहीं है। काफी संतुलत खाना खाते हैं और खुद भी बेहतर महसूस कर रहे हैं।’’
भारतीय महिला हॉकी टीम ने 1980 में मास्को ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल किया था जो ओलंपिक में इस महिला हॉकी का पदार्पण भी था। इसके 36 साल बाद टीम ने रियो ओलंपिक के लिये क्वॉलिफाई किया और 12वें स्थान पर रही।
रानी ने कहा,‘'पिछले चार साल में बहुत कुछ बदल गया है। रियो में हमें अनुभव नहीं था लेकिन अब पता चल गया है कि ओलंपिक में कैसे खेलना है। हमने रियो में बहुत कुछ सीखा और पिछले दो साल से हमारे प्रदर्शन में लगातार निखार आया है।’’
यह पूछने पर कि क्वॉलिफाई करने के बाद क्या वह टीम को पदक उम्मीद मानती है, रानी ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हममें वह क्षमता है। विश्व हॉकी में नीदरलैंड को छोड़कर कोई भी टीम अपना दिन होने पर किसी को भी हरा सकती है। हम भी लगातार अच्छा खेल रहे हैं।’’
'हिमा दास, दुती चंद जैसी खिलाड़ी हैं प्रेरणास्रोत'
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धाविका हिमा दास और दुती चंद की हालिया उपलब्धियों ने उनकी टीम को काफी प्रेरित किया है। हरियाणा के शाहबाद की रहने वाली इस स्ट्राइकर ने कहा, ‘‘ट्रैक और फील्ड में हिमा ने जैसे पांच स्वर्ण पदक जीते और उससे पहले दुती ने यूनिवर्सिटी खेलों में शानदार प्रदर्शन किया, हमें भी देश के लिये कुछ हासिल करने की प्रेरणा मिली है। खेलों में भारतीय लड़कियों का परचम लहरा रहा है तो हम क्यों पीछे रहे।’’
बेंगलुरु के साइ सेंटर पर 15 जुलाई से शुरू हुए शिविर में रक्षण, आक्रमण, पेनल्टी कॉर्नर जैसी तकनीकी चीजों के अलावा टीम के आपसी तालमेल पर भी काफी फोकस किया जा रहा है।
रानी ने कहा,‘‘हम अपने कमजोर पहलुओं पर काम कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के महान डिफेंडर फर्गुस कावानाग के साथ शिविर से काफी कुछ सीखने को मिला। तकनीकी चीजों के अलावा टीम के तालमेल, समस्या का सामना करना और उसका त्वरित हल निकालना ऐसी चीजों पर भी मेहनत कर रहे हैं।’’
नवंबर में होने वाले ओलंपिक क्वॉलिफायर से पहले भारतीय टीम अगले महीने तोक्यो में चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ एक टूर्नामेंट खेलेगी जबकि इसके बाद इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेलने जायेगी।