कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: हॉकी में भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया से निपटने की चुनौती, पाकिस्तान से पहला मैच

By विनीत कुमार | Updated: April 1, 2018 07:18 IST2018-04-01T07:18:01+5:302018-04-01T07:18:01+5:30

भारत को पहला मैच पाकिस्तान से खेलना है। हाल के मैचों को देखें तो भारत के लिए इसे जीतना ज्यादा मुश्किल नहीं होना चाहिए।

commonwealth games 2018 indian hockey need to tackle australia for gold medal | कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: हॉकी में भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया से निपटने की चुनौती, पाकिस्तान से पहला मैच

भारतीय हॉकी टीम

Highlights1998 से कॉमनवेल्थ गेम्स में हॉकी के गोल्ड पर रहा है ऑस्ट्रेलिया का कब्जाभारतीय टीम को 2010 और 2014 में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली थी करारी मातसरदार सिंह, रमनदीप सिंह जैसे कई दिग्गज इस बार टीम में नहीं, युवाओं पर दारोमदार

कभी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम मानी जाने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम जब 4 अप्रैल से ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में शुरू हो रहे कॉमनेल्थ गेम्स में दम दिखाने उतरेगी तो उसके सामने दो अहम चुनौतियां होंगी। भारत के सामने पहली चुनौती वर्ल्ड हॉकी में अपने पुराने गौरव को दोबारा हासिल करने की तो दूसरी ऑस्ट्रेलियाई टीम से पार पाने की होगी। 

दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स और फिर 2014 में ग्लासगो में भी भारतीय पुरुष हॉकी टीम को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था। दोनों ही मौकों पर फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया ने हराया। 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 8-0 और फिर 2014 के फाइनल में 4-0 से हराया। ऐसे में विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में मात देना भारतीय टीम के लिए निश्चित तौर पर मुश्किल होगा। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: खेल गांव में भारतीय परिसर के पास सीरिंज मिलने से हड़कंप, हो सकती है जांच)

1998 से लगातार ऑस्ट्रेलिया का कब्जा

दिलचस्प बात ये है कि 1998 में जब हॉकी को पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा बनाया गया, तब से ऑस्ट्रेलिया ही गोल्ड मेडल जीतता रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने 1998 के खेलों के फाइनल में मलेशिया को, 2002 में न्यूजीलैंड को और फिर 2006 में पाकिस्तान को हराया।

शोर्ड मारिन का गुरुमंत्र करेगा कमाल?

रोलैंट ओल्टमैंस को अचानक हटाए जाने के बतौर कोच हॉकी इंडिया से जुड़े शोर्ड मारिन के अब तक के भारतीय टीम के साथ के सफर को देखें तो अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है। मारिन की कोचिंग में पिछले साल पुरुष टीम एशिया कप का गोल्ड जीतने में सफल रही और फिर इसके बाद दिसंबर में हॉकी वर्ल्ड लीग का ब्रॉन्ज मेडल भी बरकरार रखने में कामयाब रही। सुलतान अजलान शाह कप में भी युवा खिलाड़ियों के साथ टीम के प्रदर्शन को सराहा गया।

हालांकि, इस कॉमनवेल्थ गेम्स में सरदार सिंह, रमनदीप सिंह और एसके उथप्पा जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में टीम का प्रदर्शन कैसा रहता है, ये देखना भी दिलचस्प होगा।

कॉमनवेल्थ गेम्स में पूल-बी में भारत

भारत को पूल-बी में पाकिस्तान, इंग्लैंड, मलेशिया और वेल्स के साथ रखा गया है। वहीं, मौजूदा चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया पूल-ए में न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और स्कॉटलैंड के साथ है। भारत को अपना पहला ही मैच पाकिस्तान से खेलना है। हाल के मैचों को देखें तो भारत के लिए इसे जीतना ज्यादा मुश्किल साबित नहीं होना चाहिए। पिछले साल भारत और पाकिस्तान चार बार सामने आए और हर बार भारतीय टीम जीत हासिल करने में कामयाब रही। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: शूटिंग में इन पांच चेहरों पर होगी भारतीय फैंस की नजर, गोल्ड पर लगेगा निशाना?)

ऐसे ही मलेशिया के खिलाफ अब तक खेले 115 मैचों में भारत 80 बार विजयी रहा है और 17 बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। वेल्स के खिलाफ भी भारत कभी नहीं हारा है। लेकिन भारत को इंग्लैड से सावधान रहने की जरूरत है। 

भारत के मैच

भारत Vs पाकिस्तान (7 अप्रैल)
भारत Vs वेल्स (8 अप्रैल)
भारत Vs मलेशिया (10 अप्रैल)
भारत Vs इंग्लैंड (11 अप्रैल)

भारतीय टीम

गोलकीपर- आर. श्रीजेश, सूरज करकेरा।

डिफेंडर्स: रुपिंदर पाल सिंह, हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, कोथाजित सिंह, गुरिंदर सिंह, अमित रोहिदास।

मिडफिल्डर: मनप्रीत सिंह (कप्तान), चिंगलेनसाना सिंह (उपकप्तान), सुमीत, विवेक सागर प्रसाद।

फॉरवर्ड: आकाशदीप सिंह, सुनील सौमरपेट, गुरजंत सिंह, मंदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, दिलप्रीत सिंह। कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ी हर खबर यहां पढ़ें

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