लाइव न्यूज़ :

World Polio Day 2023: क्यों होती है पोलियो की बीमारी? जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

By अंजली चौहान | Updated: October 24, 2023 11:11 IST

विश्व पोलियो दिवस हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन लोगों को पोलियो टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।

Open in App

World Polio Day 2023: हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो डे मनाया जाता है। इस दिन लोगों को पोलियो टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। इस दिन पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए दुनिया भर में पोलियो के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। मगर कई लोगों को इस बीमारी के बारे में सही जानकारी नहीं है और इस दिन को मनाने की शुरुआत क्यों और कैसे हुई है? आइए बताते हैं आपको क्या होता है पोलियो?

पोलियो क्या है?

पोलियो को पोलियोमाइलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। पोलियो एक वायरल संक्रमण है जो रीढ़ की हड्डी की नसों को प्रभावित करता है।  इसका संचरण आमतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के अपशिष्ट उत्पादों के संपर्क में आने या दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है। पोलियो वायरस पहले आपके गले और फिर आपकी आंतों को संक्रमित करता है।

इसकी वजह से फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके बाद संक्रमण आपके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। यह एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है।

पोलियोवायरस तीन अलग-अलग प्रकारों में मौजूद है: टाइप 1, टाइप 2 और टाइप 3। टाइप 1 सबसे प्रचलित है और इसमें पक्षाघात पैदा करने की प्रवृत्ति सबसे अधिक है। जबकि टाइप 2 और टाइप 3 को दुनिया भर में सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया गया है, टाइप 1 चुनिंदा क्षेत्रों में अभी है। 

कैसे फैलता है पोलियो?

- शौचालय जाने के बाद ठीक से हाथ न धोना

- गंदे पानी से पीना या खाना बनाना

- किसी संक्रमित व्यक्ति के थूक, लार या मल के संपर्क में आना

- गंदे पानी में तैरने से

- गंदा खाना खाने से

पोलियो के शुरुआती लक्षण 

गला खराब होना, बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, थकावट गर्दन और पीठ में अकड़न, मांसपेशियों में दर्द, पैर या हाथ हिलाने में परेशानी होना, लकवा मार जाना ये सभी पोलियो के शुरुआती लक्षण है जिनकी सही समय पर पहचान कर इलाज कराना आवश्यक है। 

क्या है बचाव का तरीका?

पोलियो से बचाव का एकमात्र उपाय इसका टीका है। भारत में ओरल पोलियो वैक्सीन दी जाती है। 5 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स दी जाती है।

विश्व पोलियो दिवस का इतिहास

यह दिन जोनास साल्क के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। जोनास साल्क ने पोलियो वैक्सीन की खोज करने वाली पहली टीम का नेतृत्व किया। 1988 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने दुनिया के सभी देशों से पोलियो को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया। इस मिशन के माध्यम से सभी बच्चों को इस भयानक बीमारी से बचाने के लिए टीके देने पर जोर दिया गया।

विश्व पोलियो दिवस इसी पहल का हिस्सा है। 2002 में, WHO यूरोपीय क्षेत्र को पोलियो मुक्त घोषित किया गया था और तभी से हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है।

पोलियो एक भयानक बीमारी है  जिसके संक्रमित होने पर लकवा तक हो सकता है। ऐसा ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है, इसलिए बच्चों को सभी टीके समय पर देना बहुत जरूरी है। अनजान लोगों के लिए, भारत 2014 में पोलियो मुक्त देश बन गया।

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है कृपया किसी भी मान्यता के मानने से पहले इसकी पुष्टि विशेषज्ञ द्वारा अवश्य कर लें।) 

टॅग्स :हेल्थ टिप्समेंस हेल्थ टिप्स इन हिंदीवीमेन हेल्थ टिप्सchild
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टमां नहीं हैवान! बेटे समेत 4 बच्चों को बेरहमी से मारा, साइको लेडी किलर ने बताई करतूत; गिरफ्तार

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

भारततंत्र की सुस्ती बनाम बच्चों की सुरक्षा  

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत