शरीर के बेहतर कामकाज के लिए हार्मोन का बैलेंस बना रहना बहुत जरूरी है। शरीर में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ने से ब्लोटिंग, थकान, चिड़चिड़ापन, बालों का झड़ना, रुखेपन, मूड में बदलाव, ब्लड शुगर की समस्या, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, बांझपन आदि की समस्याएं हो सकती हैं। हार्मोन शरीर में हर कोशिका और प्रणाली को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा हार्मोन असंतुलन से आपको दुर्बलता और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है।
कुछ हार्मोनल बदलाव सामान्य हैं, जैसे मासिक धर्म और ओव्यूलेशन के लिए जिम्मेदार सेक्स हार्मोन का मासिक उतार-चढ़ाव या गर्भावस्था के दौरान होने वाले परिवर्तन। इसके अलावा मेनोपॉज के दौरान महिला का हार्मोनल में बदलाव होना भी सामान्य है। कई महिलाओं को इस दौरान वजन बढ़ना, मूड में बदलाव, रात में पसीना आना और सेक्स ड्राइव कम होना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
अगर आपको हर समय आपको इस तरह के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको खानेपीने पर ध्यान देना चाहिए। न्यूट्रिशनिस्ट शिखा ए शर्मा के अनुसार, अन्हेल्दी चीजें जैसे चीनी, हाई ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ और शराब आपके हार्मोन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। अगर आप अपने हार्मोन को नैचुरली संतुलित रखना चाहते हैं, तो आपको किसी भी कीमत पर इन दस चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
एवोकाडोइस फल को सुपरफूड माना जाता है। यह फल तनाव हार्मोन को बैलेंस करने में मदद कर सकता है, और यहां तक कि आपके मासिक धर्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को भी प्रभावित कर सकता है। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल के अलावा तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को संतुलित करने में मदद करता है।
फ्लैक्ससीडफ्लैक्ससीड फाइटोएस्ट्रोजेन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और इसमें विशेष रूप से लिग्नंस नामक फाइटोएस्ट्रोजन का एक प्रकार होता है। लिग्नन्स में एस्ट्रोजेनिक और एंटीस्ट्रोजन दोनों प्रभाव होते हैं। इसे कुछ प्रकार के कैंसर के खिलाफ काफी प्रभावी माना गया है। यह ओमेगा -3 फैटी एसिड, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट का भी बड़ा स्रोत है।
अनारअनार एंटीऑक्सिडेंट का भंडार है। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च के एक अध्ययन के अनुसार, अनार में शरीर में एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन उत्पादन को कम करने की क्षमता होती है। इसके अलावा अनार में एस्ट्रोजेन को प्रतिक्रिया देकर स्तन कैंसर के प्रकारों को रोकने की क्षमता होती है।
सोयाबीनसोया एस्ट्रोजन लेवल को प्रभावित करता है, लेकिन इसके कई अन्य लाभ भी हैं, खासकर मेनोपॉज में। एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में सोया के सेवन से मेनोपॉज के दौरान महिलाओं पर एस्ट्रोजेन प्रभाव पड़ता है। वेबएमडी के अनुसार, यह हॉट फ्लैशेस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
हल्दीहल्दी को इन्फ्लेमेशन के इलाज के लिए एक महान उपाय के रूप में जाना जाता है। क्योंकि यह करक्यूमिन से बना होता है। हल्दी में कई हीलिंग गुण पाए जाते हैं। 2009 के एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि हल्दी में गठिया से पीड़ित लोगों में दर्द को कम करने की क्षमता थी। सोया की तरह, हल्दी का तत्व करक्यूमिन एस्ट्रोजेन को प्रभावित करने के साथ मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।