भारत में बिक रही नकली लीवर की दवा, WHO ने जारी किया अलर्ट
By अंजली चौहान | Published: September 5, 2023 04:44 PM2023-09-05T16:44:10+5:302023-09-05T16:47:07+5:30
WHO ने यह भी कहा कि दवा के वास्तविक निर्माता ने पुष्टि की है कि इस अलर्ट में संदर्भित उत्पाद गलत है।
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक नकली दवा डेफिटेलियो (डिफाइब्रोटाइड) के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। इसके नकली बैच का पता चलने के बाद डब्ल्यूएचओ ने भारत और तुर्की में अलर्ट जारी किया क्योंकि ये दवा यहां बिक रही।
डब्ल्यूएचओ के अलर्ट के अनुसार, "नकली उत्पाद" भारत में अप्रैल 2023 में और दो महीने बाद जुलाई में तुर्किये में पाया गया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नकली दवा की आपूर्ति विनियमित और अधिकृत चैनलों के बाहर की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि डिफिटेलियो दवा गंभीर हेपेटिक वेनो-ओक्लूसिव बीमारी (वीओडी) के इलाज के लिए दी जाती है, जिसे हेमेटोपोएटिक स्टेम-सेल ट्रांसप्लांटेशन (एचएससीटी) थेरेपी में साइनसॉइडल ऑब्सट्रक्टिव सिंड्रोम (एसओएस) के रूप में भी जाना जाता है।
दावा किया गया है कि यह वयस्कों, किशोरों, बच्चों और 1 महीने से अधिक उम्र के शिशुओं के लिए संकेत दिया गया है। वीओडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर में नसें अवरुद्ध हो जाती हैं और लीवर ठीक से काम करना बंद कर देता है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दवा के वास्तविक निर्माता ने पुष्टि की है कि अलर्ट में संदर्भित उत्पाद गलत है। निर्माता के अनुसार, असली DEFITELIO (डिफाइब्रोटाइड सोडियम) का उक्त लॉट जर्मन/ऑस्ट्रियाई पैकेजिंग में पैक किया गया था जबकि नकली उत्पाद यूके/आयरलैंड पैकेजिंग में हैं।
इसने आगे सलाह दी कि उल्लिखित समाप्ति तिथि गलत है और पंजीकृत शेल्फ जीवन का अनुपालन नहीं करती है और बताया गया क्रमांक वास्तविक लॉट के बैच 20G20A से भी संबद्ध नहीं है। डिफिटेलियो दवा के पास भारत या तुर्की में विपणन प्राधिकरण नहीं है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसके उपयोग से उपचार अप्रभावी हो सकता है और इसके प्रशासन की अंतःशिरा प्रकृति के कारण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकता है और कुछ परिस्थितियों में यह जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब डब्ल्यूएचओ ने किसी दवा को लेकर अलर्ट जारी किया हो इससे पहले भी अन्य देशों में पाए गए फर्जी दवाओं को लेकर अलर्ट जारी हो चुका है।