अंदर ही अंदर आपको हो रही हैं ये 10 गंभीर बीमारियां, पेशाब का रंग देखकर 5 सेकंड में ऐसे जानें
By उस्मान | Published: December 18, 2019 01:06 PM2019-12-18T13:06:07+5:302019-12-18T15:04:27+5:30
सामान्य पीले के बजाय लाल या नारंगी रंग का पेशाब देखकर किसी को भी चिंता हो सकती है
पेशाब का रन आमतौर पर पीला होता है क्योंकि इसमें यूरोक्रोम होता है। हीमोग्लोबिन के टूटने पर उत्पन्न होने वाले पदार्थों में से एक यूरोक्रोम होता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन से चिपक जाता है ताकि यह शरीर के चारों ओर जा सके।
कभी-कभी पेशाब का रंग बदल जाता है। जाहिर है सामान्य पीले के बजाय लाल या नारंगी रंग का पेशाब देखकर किसी को भी चिंता हो सकती है, खासकर अगर पेशाब के साथ जलन या दर्द हो रहा है। बेवजह पेशाब का रंग बदलना किसी गंभीर चिकित्सा स्थिति का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।
ऐसा माना जाता है कि कभी-कभी आपके द्वारा खाने-पीने वाली चीजों की वजह से भी पेशाब का रंग बदल सकता है, इसलिए आपको ज्यादा गंभीर नहीं होना चाहिए। चलिए जानते हैं कि किस रंग का पेशाब किस चिकित्सीय स्थिति की ओर इशारा करता है।
गहरा पीला
हेल्थ वेबसाइट हेल्थ.हारवर्ड के अनुसार, पेशाब में पानी और अपशिष्ट उत्पाद होते हैं जिन्हें किडनियों द्वारा खून से फ़िल्टर किया जाता है। यदि आपका पेशाब गहरे पीले रंग में बदल जाता है, तो इसमें सामान्य से कम पानी और अधिक अपशिष्ट उत्पाद शामिल हो सकते हैं, जो इस बा का संकेत हो सकता है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने की वजह से निर्जलित हो गए हैं।
लाल
पेशाब का रंग लाल होने का मतलब है कि आपके पेशान में खून मिला हुआ है। लेकिन पेशाब का रंग लाल तब भी हो सकता है, जब इसमें मायोग्लोबिन होता है, यह मांसपेशियों की कोशिकाओं में ऑक्सीजन-बाध्यकारी प्रोटीन होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन के समान होता है।
अगर पेशाब का रंग ज्यादा लाल है, तो इसका मतलब है कि आप किडनी, यूट्रस, ब्लैडर और मूत्रमार्ग को प्रभावित करने वाली किसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिसमें किडनी की पथरी, ब्लैडर इन्फेक्शन, या मूत्राशय के कैंसर शामिल हैं। पुरुषों में, प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना भी एक समस्या है।
भूरा या काला
पेशाब का रंग भूरा या काला होने के भी वही कारण हैं, जो लाल होने के हैं। लेकिन कई बार ऐसा बिलीरुबिन के कारण हो सकता है। बिलीरुबिन, हीमोग्लोबिन का एक और ब्रेकडाउन उत्पाद है, जो कभी-कभी लीवर खाराब होने के कारण खून में बनता है। इसकी वजह हेपेटाइटिस और सिरोसिस, या पित्त की पथरी जैसे विकार हो सकते हैं। बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होने से कुछ मूत्र में मिल जाता है, तो पेशाब भूरे रंग का हो सकता है।
नारंगी
कई दवाओं की वजह से पेशाब का रंग नारंगी हो सकता है। इन दवाओं में आइसोनियाज़िड भी शामिल है, जो तपेदिक (टीबी) उपचार में दी जाती हैं। दूसरा मूत्र पथ के संक्रमण के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवा रीडियम की वजह से भी ऐसा हो सकता है। तीसरा अगर आप गाजर या गाजर का रस का अधिक सेवन करते हैं, तो आपको यह समस्या हो सकती है।
सफेद
मूत्र पथ के संक्रमण के कारण कभी-कभी पेशाब का रंग सफेद हो सकता है क्योंकि इससे प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर प्रभाव पड़ता है जिससे श्वेत रक्त कोशिकायेनाव्र्त्रं बढ़ने लगती हैं। सफेद पेशाब के अन्य कारणों में प्यूरिन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे एंकोवीज़, हेरिंग, और रेड मीट (बीफ़ और पोर्क) शामिल हैं।
नीला
कई मेडिकल टेस्ट में मैथिलीन ब्लू का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से पेशाब नीला हो सकता है। इसमें एंटीमाइक्रोरोबियल गुण होते हैं, इसलिए यह कभी-कभी दवाओं और घरेलू उपचारों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इनहेरिटेड डायपर सिंड्रोम और हार्टनअप डिजीज जैसे रोगों के कारण भी नीला पेशाब आ सकता है।
हरा
आपके यूरिन का रंग हरा होना, मूत्र में स्यूडोमोनास बैक्टीरिया की उपस्थिति को भी इंगित कर सकता है, यह पोरफाइरिया नामक एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति है या यह मेडिकल टेस्ट के लिए उपयोग किये जाने वाले रंग के कारण भी हो सकता है। शायद कभी कभार, नीला या हरा रंग एक जाने पहचाने रोग हाइपरकैल्सीमिया का संकेत हो सकता है, जिसे ब्लू डायपर सिंड्रोम भी कहा जाता है, जो एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है।