चोर-चोर...क्या आप भी करते है छोटी-मोटी चोरियां तो हो जाए सावधान, जानें क्लेप्टोमेनिया बीमारी के लक्षण-रिस्क फैक्टर
By आजाद खान | Published: August 21, 2022 04:05 PM2022-08-21T16:05:49+5:302022-08-21T16:09:44+5:30
जानकारों की माने तो यह एक लाइलाज बीमारी है। इसे दवाएं और टॉक थेरेपी से कंट्रोल किया जा सकता है।
Kleptomania Syndrome: क्या आपने कभी किसी को बिना वजह चोरी करते हुए देखा है। अगर हां, तो यह उस शख्स में एक बीमारी भी हो सकती है। जी हां, दुनिया में ऐसे भी लोग होते है जो बिना किसी मजबूरी के और अपनी खुश के लिए छोटी-छोटी चोरियां करते है। यह एक बीमारी है जिसका नाम क्लेप्टोमेनिया (Kleptomania) है।
जानकारों की माने तो यह एक लाइलाज बीमारी है और अगर किसी में यह पता चले तो उसे दवाएं और टॉक थेरेपी से कंट्रोल किया जा सकता है। जो लोग इस बीमारी के शिकार होते है, उन्हें छोटी-छोटी चुरी करने में खुशी मिलती है और उन्हें चोरी कर किसी को नुकसान पहुंचाने में मजा मिलता है।
हालांकि यह बीमारी बहुत ही कम लोगों में पाई जाती है, लेकिन कई बार डर और शर्म के कारण इस बीमारी का पता नहीं चल पाता है। ऐसे में आइए जानते है कि क्या है इस बीमारी का लक्षण और कौन-कौन से इसके रिस्क फैक्टर होते है।
क्या है क्लेप्टोमेनिया के लक्षण (Kleptomania Syndrome)
क्लेप्टोमेनिया के लक्षण नीचे एक-एक करके बताए गए है। इससे आप बहुत ही आसानी से इस बीमारी का पता लगा सकते है। आइए जान लेते है।
– इसमें लोगों को अनावश्यक चीजों को चुराने की आदत लग जाती है।
– क्लेप्टोमेनिया में चोरी के बाद एक्साइटमेंट महसूस होता है।
– इन लोगों को चोरी करते समय खुशी या राहत मिलती है।
– ऐसे लोगों को चोरी के बाद डर, शर्म या चिढ़ होने लगता है।
– इसमें आपको बार बार चोरी करने का मन करता है।
– इस बीमारी में स्टोर्स, दुकानों या अपने दोस्तों से सामान चोरी करना आपके लिए आम बात हो जाती है।
– बाद में एहसास होने के बाद चोरी का सामान लौटा देना, फेंक देना या किसी और को दे देना जैसे हरकत भी देखने को मिलते है।
क्लेप्टोमेनिया के यह है कुछ खास रिस्क फैक्टर (Kleptomania Risk Factors)
नीचे क्लेप्टोमेनिया के चार रिस्क फैक्टर बताए गए है। इस रिस्क फैक्टर में यह बताया गया है कि आखिर क्यों लोगों में यह बीमारी पनपती है और इससे हमारे जीवन पर क्या असर पड़ता है। आइए जान लेते है।
1. चोरी की आदत: इस बीमारी में जब आप चोरी करते है तो ऐसे में आप में न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन रिलीज होता है। इस डोपामाइन के कार आपको शुशी मिलती है या आपको लगता है कि आपको कोई इनाम मिला है।
धीरे-धीरे आप में यह आदत क्लेप्टोमेनिया का रूप ले लेती है और आप इसका शिकार हो जाते है।
2. फैमिली हिस्ट्री के कारण भी होता है यह बीमारी: ऐसे में कई बार ऐसा देखा गया है कि अगर फैमिली में किसी को यह बीमारी है तो उसमें भी यह डिसऑर्डर हो सकती है। इस डिसऑर्डर के होने की गुनजाईश ज्यादा रहती है।
3. न्यूरोट्रांसमिटर सेरोटोनिन की कमी: हमारे शरीर में केमिकल सेरोटोनिन मूड और इमोशंस को कंट्रोल करने में दिमाग काफी अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में सेरोटोनिन की कमी क्लेप्टोमेनिया सिंड्रोम का कारण बन सकती है।
4. दूसरी बीमारियां: कई बार शरीर में बाइपोलर डिसऑर्डर, एंजाइटी डिसऑर्डर या पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के कारण भी क्लेप्टोमेनियक होता है। यही कारण है कि यह बीमारी भी आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)