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सूर्य ग्रहण: नंगी आंखों से देखने पर क्या और क्यों होता है नुकसान? बिना हानि कैसे देखें सूर्य ग्रहण

By प्रिया कुमारी | Updated: June 20, 2020 10:22 IST

21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण को अगर आप देखना चाहते हैं तो कुछ सावधानी के साथ आप देख सकते हैं। कुछ लोग सूर्य ग्रहण को देखने के लिए नॉर्मल चश्में का इस्तेमाल करते हैं जो आंखों को हानी पहुंचा सकते हैं।

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ठळक मुद्देसूर्य ग्रहण के दिन आंखों को बचाने के लिए करें ये उपाय।जानें क्यों पहुंचता हैं आंखों को नुकसानस क्या है इसकी वजह ?

21 जून, रविवार को साल 2020 का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। बताया जा रहा है कि इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे 48 मिनट की है। ऐसा कहा जा रहा है ये ग्रहण हजार साल बाद ऐसा लगने वालै है। ये ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और इसका सूतक 15 घंटे पहले 20 जून की रात 9 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। 

सूर्य ग्रहण के दिन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव में से एक है कि नंगी आंखों से ग्रहण को देखना जो काफी हानिकारक होता है। सूर्य पर लगे ग्रहण को देखने से आंखों को नुकसान पहुंचता है इसलिए डायरेक्ट सूर्य को नहीं देखा चाहिए। लेकिन कई लोगों के मन में ये सवाल जरूर आता है कि आखिर क्या नुकसान पहुंचता है।

आपको बता दें वैज्ञानिक मानते हैं कि सूर्य ग्रहण पर मून फुल मून की तुलना में चार लाख गुना ज्यादा चमकदार होता है, जो सीधे रूप से आंखों को प्रभावित कर सकता है।  ग्रहण के दौरान सूर्य से हानिकारक विकिरण निकलता है। जिससे आंखों को काफी नुकसान पहुंचता है। इससे आंखों की टिशू और आइरिस को नुकसान होता है, और आंख खराब भी हो सकते हैं। 

कई लोग सूर्य ग्रहण देखने के लिए नॉर्मल चश्में का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये भी आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर व्यूइंग ग्लास, सोलर फिल्टर या आइक्लिप्स ग्लास का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा एक्स-रे भी सूर्य ग्रहण की घटना को देखा जा सकता है।दूरबीन या पिनहोल द्वारा देखने से नुकसान पहुंच सकता है।   

सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए नियम बनाए गए है जिन्हें करने से आप सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बहुत ज्यादा सावधानियां बरतनी होती है। क्योंकि सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भ में पलने वाले बच्चे पर इसका असर पड़ता है। साथ ही ये भी मान्यता है कि मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए।  माना जाता है कि बिना सुरक्षा ग्रहण देखने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है।

मान्यता है कि ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए तुरंत बाद कोई भी काम न करें, किसी भी काम को करने से पहले  नहाना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। ना ही खाना बनाया जाता है और न खाया जाता है। घर में या बाहर मौजूद तुलसी के पौधे को भी गंगाजल डालकर स्वच्छ करना चाहिए। कुछ लोग तो अपने घरों को भी पानी से धो डालते हैं। 

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