Benefits Of Reverse Walking: आप सभी चलने या वॉक के कई फायदे के बारे में पहले से ही जानते होगे, लेकिन अगर मैं कहूं कि रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) के भी अनेक फायदे होते है तो क्या आप मेरी बात को मानेंगे। जानकारों की माने तो चलने या फिर वॉक के कई फायदे है और उससे कहीं ज्यादा रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) के लाभ है।
ऐसे में यह रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) है क्या और इसके कौन-कौन से फायदे है, आइए जान लेते है। यही नहीं हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि ये रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) कैसे किया जाता है। इसके साथ हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि हर किसी को नियमित रूप से कितने देर तक रिवर्स वॉकिं करना चाहिए।
रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) किसे कहते है
जिस तरीके से हम कदम बढ़ाते हुए आगे की ओर चलते है उसी तरीके से हम जब अपना कदम पीछे की ओर बढ़ाएंगे तो इसे रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) के नाम से जाना जाता है। जानकार इस तरीके से चलने को एक खास एक्सरसाइज मानते है और इसके कई फायदे गिनाते है। यही नहीं वे इसके ढेर सारे शारीरिक और मानसिक लाभ भी गिनाते है। ऐसे में आइए इसके लाभ को एक-एक करके जान लेते है।
रिवर्स वॉकिंग के जबरदस्त फायदे
रिवर्स वॉकिंग की मदद से आपके मांसपेशियां मजबूत होती है और इससे पैरों को भी आसाम मिलता है। जब कभी भी आप आगे चलने के बचाय रिवर्स वॉकिंग करते है तो इससे आपके मांसपेशियां में खिचाव होता है जिससे ये मजबूत होते है और इससे उनका दर्द भी कम होता है। यही नहीं रिवर्स वॉकिंग करने वालों लोगों के पीठ दर्द में भी आराम मिलता है। इस एक्सरसाइज से कमर के हैमस्ट्रिंग वाले हिस्से में दर्द से आराम मिलता है। ऐसे में जो लोग पीठ दर्द से परेशान है, उन्हे डॉक्टर 15 से 20 मिनट तक रिवर्स वॉकिंग करने की सलाह देते है जिससे उन्हें काफी आराम भी मिलता है।
यही नहीं रिवर्स वॉकिंग करने वाले लोग सही से किसी चीज को फोकस भी कर पाते है। इससे आपकी मानसिक सेहत में भी सुधार आता है और इससे माइंड का फोकस भी बढ़ता है। घुटनों के दर्द वाले लोगों को भी यह आराम देता है और इससे कई फायदे भी है। कई लोग जिनते घुटनों में दर्द होता है वे इससे कतराते है, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें रिवर्स वॉकिंग बार-बार करना चाहिए। इससे उनके घुटनों के दर्द से राहत मिलेगी और वे सही से चल पाएंगे।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)