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पेशाब लीक होना : लड़कियों को ज्यादा होती है ये समस्या, ये 5 चीजें दिलाएंगी छुटकारा

By उस्मान | Updated: August 13, 2019 11:19 IST

Home remedies for Urinary incontinence: इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति जब वो पेशाब नहीं करना चाहता लेकिन फिर भी पेशाब निकल जाता है। यानी उसका व्यक्ति का अपने मूत्र दबानेवाला यंत्र पर नियंत्रण नहीं रहता है या कमजोर हो जाता है।

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कई लोगों को यह समस्या होती है कि उनके जोर से हंसने, उछलने, तेज चलने पर भी थोड़ी मात्रा में पेशाब लीक होने लगता है। इस समस्या को मेडिकल भाषा में मूत्र असंयम (Urinary incontinence) कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति जब वो पेशाब नहीं करना चाहता लेकिन फिर भी पेशाब निकल जाता है। यानी उसका व्यक्ति का अपने मूत्र दबानेवाला यंत्र पर नियंत्रण नहीं रहता है या कमजोर हो जाता है। यह एक बड़ी समस्या है जो पूरी दुनिया के लोगों को प्रभावित करती है। माना जाता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मूत्र असंयम की समस्या अधिक आम है। मोटापा और धूम्रपान दोनों जोखिम कारक हैं। यह समस्या तनाव के कारण हो सकती है। इसके अलावा खांसी, गर्भावस्था और मोटापा भी इसकी बड़ी वजह हैं। उम्र बढ़ने के साथ इस समस्या का खतरा बढ़ता रहता है। 

इस समस्या का हार्मोन में बदलाव, वजन और उम्र बढने से वैजाइनल वॉल डैमेज हो जाता है। इसी तरह से महिलाओं के वैजाइना में लचीलापन आ जाने से संबंध बनाने में समस्या आती है।

कीगल एक्सरसाइज इस समस्या से बचने के लिए पेल्विक फ्लोर, या केगेल एक्सरसाइज को एक बेहतर उपाय माना जाता है। कीगल एक्सरसाइज करते समय आपको उन मसल्स को पेशाब के दौरान पांच सेकंड तक दबा लेना चाहिए और फिर आराम देना चाहिए। इस तरह आपको एक दिन में 10 से 20 बार इसे रिपीट करना चाहिए। आप इसे कई पोजीशन में ट्राई कर सकते हैं। आप चाहे तो इसे लेटकर, घुटनों को झुकाकर, कुर्सी पर बैठकर और खड़े होकर भी कर सकते हैं। 

ये उपाय भी आएंगे कामसबसे पहले आपको पेशाब रोकना आना चाहिए। मरीज को यह सीखना चाहिए कि पेशाब को देर तक कैसे रोका जा सकते है। इसके लिए आप पेशाब करें, फिर एक-दो मिनट रुकें, फिर पेशाब करें। इसके अलावा आपको पेशाब करने के टाइम टेबल बनाना चाहिए। उदाहरण के लिए आपको हर 2 घंटे में पेशाब करने जाना चाहिए।

मेडिकल डिवाइस इस समस्या से राहत पाने के लिए महिलाओं के लिए कई तरह के मेडिकल डिवाइस उपलब्ध हैं जिनमें यूरेथ्रल इंसर्ट, पेसरी, रेडिओफ्रीक्वेंसी थेरेपी। इन डिवाइस को अलग-अलग तरीकों से योनी के अंदर इंसर्ट किये जाते हैं, जो पेशाब को रोकने का काम करते हैं। हालांकि पेशाब करने के दौरान इन्हें आसानी से हटाया जा सकता है।

सेब का सिरकायह आपके शरीर के विषाक्‍त पदार्थों को हटाकर मूत्राशय में संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह वजन कम करने में भी आपकी मदद करता है। अधिक वजन मूत्र असंयम की समस्‍या को बढ़ा देता है क्‍योंकि कूल्हों और पेट के आस-पास अधिक फैट मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव डालता है। समस्‍या होने पर एक गिलास पानी में 1 से 2 चम्‍मच सेब के सिरके को मिलाये। फिर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार नियमित रूप से लें। लेकिन ध्‍यान रहें कि अगर आपका ओवरएक्टिव ब्‍लैडर है तो सेब के सिरके का सेवन न करें। 

योगा योगा भी कीगल एक्‍सरसाइज की तरह मांसपेशियों को कसने में मदद करता है। इसके अलावा योगा तनाव को कम करने के लिए अच्‍छा है और चिंता और मूत्र असंयम से संबंधित अवसाद को दूर करने में मदद करता है। मूत्र असंयम के लिए आप मूलबंध, उत्कटासन, त्रिकोणासन और मालासन जैसे योग कर सकते हैं। लेकिन योग करने से पहले किसी योग प्रशिक्षक की मदद लें। 

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