अविवाहित महिलाओं में कंडोम का यूज 6 गुना बढ़ा, 8 में से 3 पुरुष नहीं लेते इसे इस्तेमाल करने की जिम्मेदारी
By गुलनीत कौर | Published: January 29, 2018 11:25 AM2018-01-29T11:25:47+5:302018-01-29T11:30:48+5:30
15 से 49 साल की 10 फीसदी शादीशुदा महिलाएं मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड को फॉलो करती हैं। लेकिन अविवाहित महिलाओं में इसका इस्तेमाल विवाहित महिलाओं की तुलना में अधिक है।
नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे के 2015-16 के एक शोध के अनुसार भारत में अविवाहित महिलाओं द्वारा यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल 6 गुना बढ़ा है। यह शोध स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा करवाया गया जिसमें 15 से 49 वर्ष की अविवाहित और सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं को शामिल किया गया।
शोध के अनुसार महिलाओं में पिछले 10 साल में कंडोम का इस्तेमाल 2 प्रतिशत से 12 प्रतिशत हो गया है। इसका इस्तेमाल करने वाली सबसे अधिक 20 से 24 वर्ष की लड़कियां हैं। सर्वे में केवल महिलाओं ही नहीं, पुरुषों से जुड़ी कुछ बातें भी सामने आई हैं। सर्वे के मुताबिक 8 में से 3 पुरुषों का मानना है कि गर्भनिरोध महिलाओं की जिम्मेदारी है, इसलिए इसका इस्तेमाल कब किया जाना चाहिए इससे पुरुषों का कोई लेना देना नहीं है।
इसके साथ ही शोध के अनुसार गर्भनिरोध के तरीकों की जानकारी भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक है। देश में 99 प्रतिशत महिलाओं और पुरुषों को गर्भनिरोध के कम से कम एक तेरीके की जानकारी है। हालांकि, जब इस्तेमाल करने की बात आती है तो यह आंकड़ा महिलाओं में गिरकर 54 फीसदी पर पहुंच जाता है।
वहीं अगर कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड की बात करें तो 15 से 49 साल की 10 फीसदी शादीशुदा महिलाएं मॉडर्न तरीके को फॉलो करती हैं। दूसरी ओर अविवाहित महिलाओं में इसी मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का इस्तेमाल विवाहित महिलओं की तुलना में अधिक है।
कंडोम के अलावा अन्य कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड जैसे कि नसबंदी को 25 से 49 वर्ष की महिलाओं में पहले से अधिक अपनाया जा रहा है। लेकिन प्रेग्नेंसी रोकने के अन्य तरीके जैसे कि कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को केवल एक प्रतिशत महिलाएं इस्तेमाल में ला रही हैं।
शोध में शोधकर्ताओं सवारा ने भारत के राज्यों को भी अपने आंकड़ों में शामिल किया गया। जिसके अनुसार मणिपुर, बिहार और मेघालय में कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का इस्तेमाल सबसे कम (24 फीसदी)है। जबकि यही आंकडें एक आश्चर्यजनक उछाल के साथ पंजाब में 76 फीसदी के आंकड़े को छूते हैं।
जाति और वर्ग की बात करें तो सर्वे के मुताबिक सिख और बौद्ध धर्म की 65 फीसदी महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव का यूज कर रही हैं, जबकि केवल 38 मुस्लिम महिलाओं द्वारा इसे इस्तेमाल में लाया जाता है। लेकिन मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का इस्तेमाल धनी लोगों द्वारा ही अधिक किया गया। अन्य लोगों ने पब्लिक हेल्थ केयर के माध्यम से मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड को अपनाने की कोशिश की है।
फोटो: पिक्साबे