गर्भावस्था के दौरान महिला के खानपान, दवाओं, रहन-सहन आदि का होने वाले बच्चे पर काफी प्रभाव पड़ता है। इस दौरान खाने-पीने को लेकर जरा सी लापरवाही होने वाले बच्चे का जीवन तबाह कर सकती है। प्रेगनेंसी में लापरवाही से जुड़े ऐसे ही कुछ मामले राजस्थान के चुरू में सामने आए हैं। चूरू के आरसीएचओ डॉक्टर सुनील जांदू ने पत्रिका को दिए एक इन्टरव्यू में बताया है कि जिले मे पिछले दो वर्षों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जांच दौरान पांच ऐसे बच्चे सामने आए, जो न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (neural tube defects) से पीड़ित थे।
Neural Tube Defects क्या है?
डॉक्टर के अनुसार, यह बच्चों में होने वाली जन्मजात बीमारी है, जो मां के गर्भ में पल रहे बच्चे में लगभग तीसरे हफ्ते के बाद बनने वाली ने न्यूरल ट्यूब के सही प्रकार से नही बनने के कारण होती है। ट्यूब के बंद नही होने के कारण यह स्थिति हो जाती है, जो बच्चे के जीवन के लिए बड़ा खतरा है।
Neural Tube Defects के कारण
इसके कई कारण है लेकिन एक मुख्य कारण गर्भवती के शरीर में फोलेट की कमी होना है। अगर गर्भवती को गर्भधारण के पहले तीन माह में फोलिक एसिड की टेबलेट रोज दी जाए तो इससे बचा जा सकता है।
Neural Tube Defects के लक्षण
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के लक्षणों में शारीरिक समस्याएं जैसे कि पैरालिसिस, मूत्र और आंत्र की समस्याएं), अंधापन, बहरापन, बौद्धिक विकलांगता, चेतना की कमी और कुछ मामलों में मृत्यु भी शामिल हैं। हालांकि एनटीडी वाले कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। कुछ विशेष प्रकार के एनटीडी वाले अधिकांश बच्चे मर जाते हैं या वो जीवनभर गंभीर विकलांगता का सामना करते हैं।
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के लिए जरूरी है फोलेट
क्या है फोलेट क्या होता है? फोलेट को फोलिक एसिड कहा जाता है और इसे विटामिन बी-9 या फोलासीन और फोलेट के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं और डीएनए बनाने में मदद करता है। इसके अलावा यह ब्रेन, नर्वस सिस्टम और रीढ़ की हड्डी में तरल पदार्थ पहुंचाने के लिए भी जरूरी होता है। शरीर में इसकी कमी से कई बीमारियों और गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।
फोलेट के लिए खाएं ये चीजेंयह स्वाभाविक रूप से दालों और हरी सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थों में मिलता है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, बीज, अंडा, अनाज और खट्टे फल आदि अपनी डाइट में शामिल है। इसके अलावा ब्रोकली, पपीता, स्ट्रॉबेरी, पिंटो सेम, काले सेम, राजमा और किडनी बींस भी फोलिक एसिड का स्रोत है।