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मूड को कंट्रोल करते हैं ये 6 पौष्टिक तत्व, डाइट में करें इन्हें शामिल

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: October 1, 2018 09:10 IST

शरीर में आयोडीन की कमी से बच्चों की मानसिक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए हमें इसकी पूर्ति अवश्य करनी चाहिए।

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(राजकुमार दिनकर)

हमारे भोजन में कई ऐसे पौष्टिक तत्व होते हैं जिनकी हमारे शरीर को बहुत कम मात्र में जरूरत होती है। ये पौष्टिक तत्व भले ही अल्प मात्र में लिए जाएं लेकिन इनसे हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दुरुस्त रहता है। हमारे शरीर में होने वाले हार्मोंस में बदलाव के कारण हमारे मूड में भी बदलाव होता रहता है।

1. कॉपर- हमारे शरीर द्वारा कॉपर उत्पन्न नहीं किया जाता है। शरीर में कॉपर नामक तत्व की आपूर्ति के लिए हमें कॉपर वाले खाद्य पदार्थ लेने चाहिए। क्योंकि कॉपर की शरीर में कमी होने पर ओस्टोपोरोसिस, आर्थराइटस, कार्डियोवैस्कुलर संबंधी बीमारियां, कोलोन कैंसर, हड्डियों से जुड़ी बीमारियां तथा हृदय से जुड़ी रक्त शिराओं में रूकावट आने जैसी समस्या हो सकती है।

कॉपर की आपूर्ति के लिए हमें अपने भोजन में साबुत अनाज, दालें, चॉकलेट, मूंगफली, किशमिश, आलू, मटर, रेड मीट, मशरूम, हरी सब्जियां, फल जैसे नारियल, पपीता, सेब आदि अपने आहार में शामिल करने चाहिए।

2. आयोडीन - आयोडीन हमारे शरीर में थायरॉयड ग्रंथि की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करता है। इसके अलावा आयोडीन हमारी आंखों की भीतरी सतह और लार ग्रंथियों तथा रक्त शिराओं को भी मजबूती देता है। शरीर में आयोडीन की कमी से बच्चों की मानसिक क्षमता कमजोर होती है। ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर होने की आशंका रहती है तथा इसकी कमी ऑटिज्म की समस्या भी पैदा कर सकता है।

शरीर में आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए सी-फूड और आयोडीनयुक्त खाद्य पदार्थ लेने चाहिए। आयोडीन युक्त नमक शरीर में इस तत्व की आपूर्ति करता है। 

3. जिंक - यह एक बेहद जरूरी खनिज लवण है, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है। बच्चों में जिंक तत्व की कमी होने पर उनका शारीरिक विकास रूकना, उन्हें बार बार इंफेक्शन होना और डायरिया जैसी समस्या हो सकती है। वयस्क व्यक्ति में जिंक की कमी से इंफर्टिलिटी और त्वचा संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है। जिंक की आपूर्ति के लिए साबुत अनाज और सूखे मेवों को अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनाना चाहिए।

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4. सेलेनियम - सेलेनियम एक ऐसा तत्व है जो हमारे शरीर में कई एंटीऑक्सीडेंट्स एंजाइम की उत्पत्ति में सहायक होता है और यह एक प्रकार के थायरायड हार्मोन को दूसरे में परिवर्तित करता है। सनफ्लावर सीड्स, फिश, शैल फिश, अंडे, मशरूम, गेहूं, बाजरा, ब्राउन राइस, ओट्स और ओनियन, सेलेनियम की प्राप्ति के मुख्य स्नेत हैं। 

5. फ्लोराइड - दांतों की मजबूती के लिए हमारे शरीर को इसकी जरूरत अल्प मात्र में ही होती है। यही वजह है कि टूथपेस्ट बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है ताकि दंतक्षय से बचाव हो सके। भोजन में फ्लोराइड की अधिकता से हड्डियों से संबंधित अनेक रोग हो सकते हैं। चाय में फ्लोराइड काफी मात्र में पाया जाता है।

6. मोलीबेडिनम - शरीर में इसकी कमी से कई तरह के कैंसर होने का खतरा होता है। शरीर में इसकी ज्यादा कमी से बच्चों में श्वांस संबंधी समस्याएं होने के खतरे होते हैं। इसकी प्राप्ति के लिए हरे बींस, अंडे, गेहूं का आटा, दाल और सनफ्लावर सीड्स जैसे स्नेत का इस्तेमाल करना चाहिए।

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