Surya Grahan : कोरोना काल में सेहत न हो खराब तो सूर्य ग्रहण के दिन 21 जून को न करें ये काम, गर्भवती महिलाएं होशियार
By उस्मान | Published: June 18, 2020 03:21 PM2020-06-18T15:21:41+5:302020-06-18T15:28:37+5:30
Surya Grahan or Solar Eclipse of June 21: सूर्य ग्रहण का नजारा देखने के चक्कर में आंखें न ख़राब करा लेना
Surya Grahan or Solar Eclipse 2020: 21 जून, रविवार को साल 2020 का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे 48 मिनट की है. बताया जा रहा है कि हजारों साल बाद ऐसा ग्रहण आया है। ये ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और इसका सूतक 15 घंटे पहले 20 जून की रात 9 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा।
सूर्य ग्रहण क्या है?
सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं। जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है।
आंखों को नुकसान और अंधेपन का खतरा
माना जाता है कि बिना सुरक्षा ग्रहण देखने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। इससे आंखों की रोशनी खत्म होने और पूरी तरह से अंधेपन होने का खतरा होता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि सूर्य ग्रहण पर मून फुल मून की तुलना में चार लाख गुना ज्यादा चमकदार होता है, जो सीधे रूप से आंखों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि कुछ सावधानियां अपनाकर आप इस दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
नासा (NASA) के अनुसार, हर किसी को ग्रहण के समय चश्मा पहनना चाहिए या आंशिक सूर्यग्रहण देखने पर अप्रत्यक्ष रूप से देखने की विधि का उपयोग करना चाहिए। सूरज की किरणों को सीधे देखना कभी भी सुरक्षित नहीं है, भले ही सूर्य आंशिक रूप से अस्पष्ट हो। नासा का यह भी मानना है कि यह नियम कुल ग्रहण (total eclipse) के दौरान भी लागू होता है जब तक कि सूरज पूरी तरह से अवरुद्ध न हो।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के अनुसार, बिना सुरक्षा थोड़े समय के लिए भी सूरज को देखना आपके रेटिना को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अंधापन हो सकता है जिसे सौर रेटिनोपैथी कहा जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई विकिरण सुरक्षा और परमाणु सुरक्षा एजेंसी (ARPANSA) ने चेतावनी दी है कि आपको सूर्य ग्रहण देखने के लिए सीधे सूर्य ग्रहण चश्मे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
हेल्थ ऑफिसियल की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1999 में सूर्य ग्रहण के बाद आंखों की हानि से जुड़े कई मामले सामने आये थे। एक हफ्ते बाद कम से कम 14 लोगों की आंखों के रोशनी हमेशा के लिए चली गई।
थकान और मूड खराब होना
कई अध्ययन ऐसा मानते हैं कि सूर्य ग्रहण से थकान या बीमारी की भावना पैदा हो सकती है। इस अवधि के दौरान बड़े निर्णय लेने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इसका प्रभाव आपके मूड पर पड़ सकता है। इसलिए ग्रहण के समय हल्का और आसानी से पचने वाली चीजों का ही सेवन करना चाहिए। तरल पदार्थ के रूप में नारियल पानी सबसे बेस्ट उपाय है।
गर्भावस्था पर बुरा असर
सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतने के लिए कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे होने वाला बच्चा असामान्यताओं के साथ पैदा हो सकता है। हालांकि इसे एक मिथक भी मामा जाता है क्योंकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक सामने नहीं है।
पाचन तंत्र हो सकता है खराब
कुछ लोगों का मानना है कि सूर्य ग्रहण आपके पाचन पर कहर बरपा सकता है। यही कारण है कि कुछ आध्यात्मिक लोग इस दौरान भोजन से बचते हैं और सूर्यग्रहण के दौरान उपवास भी रखते हैं। इसलिए आपको ग्रहण काल में पाचन के लिहाज से सख्त चीजें खाने से बचना चाहिए। ज्यादा प्रोटीन वाली चीजें या खमीरवाला वाले खाने से भी बचें।
बिगड़ सकती है मानसिक स्थिति
सूर्य ग्रहण का मानसिक प्रभाव बहुत से लोग मानते हैं कि सूर्य ग्रहण की दुर्लभ घटना का मनुष्यों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिनमें सूर्य ग्रह होने से उत्सुकता का ज्यादा बढ़ना, असामान्य सपने आना, अचानक रचनात्मक विचार आना, यहां तक कि रिश्तों पर भी बुरा असर पड़ने जैसे मामले देखे गए हैं।
सूर्य को सीधे देखने से अन्य नुकसान
आंखों की रोशनी कम हो सकती है
अंधेपन का खतरा
धुंधलापन होना
रेटिना को नुकसान होना
आंखों में जलन या दर्द होना
सूर्य ग्रहण को देखते समय इन बातों का रखें ध्यान
गलती से भी सूर्य को सीधे रूप से न देखें
सूर्य देखते समय हमेशा चश्मे का इस्तेमाल करें
सूर्य देखने के बाद अपनी आंखों की जांच जरूर कराएं
इस तरह के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें