सावधान! गर्मियों में गलती से भी न करें ये काम, वरना मुंह और गले की हो जाएगी ऐसी हालत
By उस्मान | Published: May 20, 2019 12:36 PM2019-05-20T12:36:03+5:302019-05-20T12:36:03+5:30
यह समस्या अक्सर ठंड के मौसम में होती है लेकिन गर्मियों में लगातार ठंडा पानी पीने से भी कई बार ये बीमारी घर कर जाती है।
गले की खराश को लोग अक्सर एक मामूली समस्या समझते हैं लेकिन अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो ये एक बड़ी समस्या बन सकती है और आपके गले को नुकसान पहुंचा सकती है। यह समस्या अक्सर ठंड के मौसम में होती है लेकिन गर्मियों में लगातार ठंडा पानी पीने से भी कई बार ये बीमारी घर कर जाती है।
आपके गले के पीछे खरोंच या जलन महसूस होना सर्दी होने का पहला संकेत है। कई बार लोग गले की खराश को टॉन्सिल्स या स्ट्रेप थ्रोट समझ लेते हैं। लेकिन आपको बता दें कि गले में खराश अक्सर होने पर ठंड इसका पहला संकेत है और यह जल्दी सही हो जाती है।
इसी तरह स्ट्रेप थ्रोट 'स्ट्रेप्टोकोकस' बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रमण है। यह गले की खराश और टॉन्सिलिटिस की वजह से हो सकता है। गले की तीसरी समस्या टॉन्सिलिटिस है, जो एक दर्दनाक सूजन या टॉन्सिल का संक्रमण है, जो गले के ऊतक के पीछे स्थित है।
गले में खराश के लक्षण और नुकसान
गले में खराश होने पर आपको नाक का बहना, छींक आना, खांसी, हल्का सिरदर्द, शरीर में दर्द और बुखार जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इससे आपको गले में सूजन हो सकती है। आपका निगलना मुश्किल हो सकता है और आवाज भारी हो सकती है।
गले की खराश के कारण
धूम्रपान और प्रदूषण इसका सबसे बड़ा कारण हैं। इसके अलावा ठंडी चीजों के अधिक सेवन से भी इसका खतरा होता है। लंबे समय तक चिल्लाना या बोलना गले की मांसपेशियों को तनाव दे सकता है। धूल, पराग और पालतू जानवरों की रूसी भी इसका कारण बन सकते हैं।
गले की खराश से बचने के उपाय
गले की खराश से बचने के लिए आपको धूम्रपान और प्रदूषण से बचना चाहिए। इसके अलावा, जुकाम और फ्लू से छुटकारा पाने के लिए ये उपाय करें, जो अक्सर गले में खराश लाते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहें जो बीमार हैं, अपने हाथ अक्सर धोएं, खाना, पीना, या बर्तन साझा न करें, अपने हाथों को अपनी आंखों और चेहरे से दूर रखें, स्वस्थ आहार खाएं, खूब आराम करें और बहुत सारे तरल पदार्थ पिएं।
गले की खराश के लिए ऐसे करें इलायची का इस्तेमाल
गले की खाराश से राहत पाने के लिए आपको इलायची के कुछ दानों को रातभर पानी में भिगोकर रखना चाहिए और सुबह उस पानी से गरारे करने चाहिए। ऐसा दो दिन करने से आपको राहत मिल सकती है।