सावधान! शरीर में इस तत्व की कमी से होते हैं हड्डियों के रोग, दुनिया के आधे लोग हैं इसका शिकार
By उस्मान | Published: November 6, 2019 10:45 AM2019-11-06T10:45:14+5:302019-11-06T11:18:35+5:30
Vitamin D Deficiency Symptoms in Hindi (विटामिन डी ): कैल्शियम और प्रोटीन की तरह विटामिन डी की भी सख्त जरूरत होती है। यह हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। शरीर में इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स जैसे रोग हो सकते हैं।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम और प्रोटीन की तरह विटामिन डी की भी सख्त जरूरत होती है। यह हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। शरीर में इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स जैसे रोग हो सकते हैं।
50 फीसदी लोगों को विटामिन डी की कमी
एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि दुनिया की आधी आबादी विटामिन डी की कमी से जूझ रही है। इसकी मुख्य वजह भोजन में विटामिन डी से भरपूर चीजों की कमी है। विटामिन डी की कमी से केवल बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे और युवा भी प्रभावित हो रहे हैं। वयस्कों में इसकी कमी के चलते ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या हो जाती है।
विटामिन डी की कमी से गठिया
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने देश के अलग-अलग शहरों में जोड़ों में दर्द एवं गठिया (अर्थराइटिस) के एक हजार मरीजों पर अध्ययन कर पाया कि ऐसे मरीजों में से 95 प्रतिशत मरीजों में विटामिन-डी की कमी होती है और इसका एक मुख्य कारण पर्याप्त मात्रा में धूप न मिलना है, जो विटामिन-डी का मुख्य स्रोत है।
खराब खानपान है वजह
कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन-डी की भी समय पर जांच करवा ली जाए तो आर्थराइटिस को बढ़ने से रोका जा सकता है। खानपान की गलत आदतों व कैल्शियम की कमी के कारण आर्थराइटिस के अलावा ऑस्टियोपोरोसिस की भी संभावना बहुत अधिक होती है।
ऑस्टियोपोरोसिस का ख़तरा
ऑस्टियोपोरोसिस में कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियों का घनत्व एवं अस्थि मज्जा बहुत कम हो जाता है। साथ ही हड्डियों की बनावट भी खराब हो जाती है, जिससे हड्डियां अत्यंत भुरभुरी और अति संवेदनशील हो जाती हैं। इस कारण हड्डियों पर हल्का दबाव पड़ने या हल्की चोट लगने पर भी वे टूट जाती हैं।
वर्तमान पीढ़ी कम कैल्शियम वाला आहार और विटामिन-डी की अपर्याप्त मात्रा ले रही है, जिससे उनमें हड्डियों का घनत्व कम और हड्डियां कमजोर हो रही हैं।
कामेच्छा पर बुरा असर
आपको जानकार हैरानी होगी कि विटामिन डी की कमी से भी कामेच्छा में कमी आने लगती हैं। विटामिन डी की कमी से महिलाओं में हार्मोनल संतुलन और पुरूषों में शुक्रणुओं में कमी आने लगती हैं, जिससे यौन इच्छा कम होने लगती हैं। इसलिए सेक्स इच्छा बढ़ाने के विटामिन डी का पर्याप्त सेवन बहुत जरूरी है।
इन्फर्टिलिटी की समस्या
यूरोपियन जर्नल ऑफ एंडॉक्रीनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की कमी से इन्फर्टिलिटी जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती है। विटामिन डी सप्लीमेंट या इसे नैचुरल स्रोत यानी धूप से लेने से दिल स्वस्थ रहता है और इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन को शुरुआत में ही रोक लिया जाता है।
दिल के दौरे का खतरा
यदि आप दिल के रोगी हैं तो विटामिन डी3 के साथ इलाज आपके दिल के लिए लाभकारी हो सकता है। विटामिन डी3 आपके शरीर में प्राकृतिक रूप से सूर्य की रोशनी में बनता है। उच्च रक्तचाप, वसा का जमा होना, धमनी की दीवार में कोलेस्ट्रॉल व मधुमेह सहित कई बीमारियों से आपके दिल को नुकसान पहुंच सकता है और इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
विटामिन डी के मुख्य स्रोत
वैसे तो सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत है। लेकिन आपको खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए। आपको अपनी डाइट में सॉल्मन और टुना फिश शामिल करनी चाहिए। अगर आपको मछली खाना पसंद नहीं है तो आप अंडे भी खा सकते हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध से भी विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। कॉड लिवर में भी विटामिन डी भरपूर मात्रा होता है। सब्जियों में गाजर विटामिन डी का बेहतर स्रोत है।