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शरीर में कम नहीं बल्कि ज्यादा हीमोग्लोबिन से भी पहुंचता है नुकसान, जानें कितना लेवल होता है सही

By अंजली चौहान | Updated: July 15, 2023 13:43 IST

हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में आयरन से भरपूर प्रोटीन है। यह रक्त को पूरे शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने में सक्षम बनाता है। हीमोग्लोबिन का कम स्तर अक्सर एनीमिया का संकेत देता है, लेकिन उच्च स्तर गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का संकेत भी हो सकता है।

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Side Effects Of High Hemoglobin: कई लोगों को डॉक्टरों द्वारा सलाह दी जाती है कि उनका हीमोग्लोबिन कम हो गया है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। हम में से सभी ने कभी न कभी डॉक्टरों से ये शब्द जरूर सुने होंगे क्योंकि हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं से जुड़ता है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है - जहां भी रक्त बहता है।

शरीर की अरबों कोशिकाओं में से प्रत्येक को अपनी मरम्मत और रखरखाव के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। कई बीमारियों को दूर रखने में हीमोग्लोबिन अहम भूमिका निभाता है लेकिन कम हीमोग्लोबिन के साथ ज्यादा हीमोग्लोबिन होना भी आपके लिए लाभकारी नहीं है।

हीमोग्लोबिन के बढ़ने से आपको कई तरह की बीमारी हो सकती है जो आपके लिए परेशानी खड़ा कर सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि हीमोग्लोबिन बढ़ने से क्या दिक्कतें होती हैं।

शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ने से खड़ी हो सकती है ये दिक्कतें

1- उच्च हीमोग्लोबिन का स्तर पॉलीसिथेमिया नामक एक दुर्लभ रक्त विकार का संकेत दे सकता है। पॉलीसिथेमिया में, शरीर बहुत अधिक लाल रक्त कोशिकाएं बनाता है, जिससे रक्त सामान्य से अधिक गाढ़ा हो जाता है। इससे थक्के, दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकता है। यह एक गंभीर आजीवन स्थिति है जो उपचार के बिना घातक हो सकती है।

2- डिहाईड्रेशन, धूम्रपान या अधिक ऊंचाई पर रहने से भी उच्च हीमोग्लोबिन हो सकता है।इससे आपको दिल की बीमारी या फेफड़ों की बीमारी भी हो सकती है। 

3- हीमोग्लोबिन बढ़ने से आपका दिमाग ठीक से काम नहीं करता और सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाती है। आप कंफ्यूज रहने लगते हैं और कोई भी बात समझने में अन्य लोगों की तुलना में आपको ज्यादा समय लगेगा।

4- हीमोग्लोबिन बढ़ने के कारण आप सुस्त और थकान महसूस करने लगते हैं। आपको चक्कर आने लगते हैं और सिरदर्द भी रहता है।

5- हीमोग्लोबिन के बढ़ने से शरीर में आसानी से खून निकलने लगता है। आपके मसूड़ों या फिर नाक से खून आने लगेगा और शरीर में सूजन हो सकती है। 

हेमोक्रोमैटोसिस की होती है समस्या 

हीमोग्लोबिन ब्लड में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं पाए जाने वाला एक प्रोटीन है। हीमोग्लोबिन के ही जरिए ऑक्सीजन शरीर में अलग-अलग जगह पहुंचता है। हर इंसान के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा अलग-अलग होती है। जब किसी के शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ जाता तो इसे हेमोक्रोमैटोसिस कहते हैं।

आमतौर पर, हीमोग्लोबिन का स्तर उच्च माना जाता है अगर वो एक वयस्क में 16.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल) से ऊपर, जिसे जन्म के समय पुरुष निर्धारित किया गया था। एक वयस्क में 16 ग्राम/डीएल से ऊपर जिसे जन्म के समय महिला निर्धारित किया गया था। एक बच्चे में 16.6 ग्राम/डीएल से ऊपर। शिशु में 18 ग्राम/डीएल से ऊपर हो तो आपको इससे नुकसान पहुंच सकता है। 

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

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